रायपुर नाचे
ll रायपुर नाचे होली गीत ll
कोरस -झूमव नचाव गवव रे, रंग ग़ुलाल उड़ावव रे,
फागुन तिहार संगी आगे.........
रईपुर नाचे रे मोर भाग मा, हाय रे हाय पूरा रईपुर नाचे ll
चढ़ -सराररररा पूरा रईपुर नाचे रे ll
रईपुर नाचे रे मोर भाग मा, हाय रे हाय पूरा रईपुर नाचे ll
1) राम नगर के टुरी टुरा मन नाचे,
श्याम नगर के जी कोनो नई बाचे,
चढ़ -कोनो नई बाचे जी... नई बाचे,
बुढ़हापारा के बुढ़हा नाचे, हाय रे हाय पूरा रईपुर नाचे
2) पुरानी बस्ती रंग म हे घोराय,
लाखे नगर म जी पिचका चलाय,
चढ़- पिचका चलाय जी,
आमा पारा म सब सनाय रे, हाय रे हाय पूरा रईपुर नाचे,
3) बाजे नंगाड़ा गुड़ियारी पारा में,
सराररररा सरराये हांडीपारा में,
चढ़ -हांडी पारा में जी,
पारस नगर में फाग गाय रे, हाय पूरा रईपुर नाचे,
रईपुर नाचे रे मोर भाग मा, हाय रे हाय पूरा रईपुर नाचे ll
चढ़ -सराररररा पूरा रईपुर नाचे रे ll
श्रेणी : कृष्ण भजन
रायपुर नाचे | Raipur Nache | दुकालू यादव | Dukalu Yadav | DRY Music | होली गीत | New Holi Song
"रायपुर नाचे" एक जोशीला और रंगों से भरा होली गीत है, जिसे छत्तीसगढ़ के मशहूर लोक गायक दुकालू यादव ने गाया है। यह गीत होली के उल्लास और मस्ती को दर्शाता है, जहां पूरा रायपुर रंगों में सराबोर होकर झूम उठता है। गीत में रायपुर के अलग-अलग इलाकों का जिक्र किया गया है, जहां हर गली, हर मोहल्ले में होली की धूम मची हुई है।
गीत के बोलों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक मिलती है, जहां राम नगर, श्याम नगर, बुढ़हापारा, पुरानी बस्ती, लाखे नगर, गुड़ियारी पारा और हांडीपारा जैसे स्थानों की होली के रंगीन नज़ारों का वर्णन किया गया है। "झूमव, नचाव, गवव रे, रंग गुलाल उड़ावव रे" जैसे शब्द होली के रंगों में सराबोर होने की भावना को व्यक्त करते हैं।
"रायपुर नाचे रे मोर भाग मा, हाय रे हाय पूरा रायपुर नाचे" – यह पंक्ति पूरे गीत की आत्मा है, जो बताती है कि होली के इस त्योहार में नाच-गाना, मस्ती और रंगों की बौछार से पूरा रायपुर झूम रहा है। गीत की धुन इतनी जोशीली है कि इसे सुनते ही लोग खुद को थिरकने से रोक नहीं पाते।
इस गीत को DRY Music द्वारा प्रस्तुत किया गया है और यह होली के समय हर किसी की प्लेलिस्ट का हिस्सा बन जाता है। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक होली का उत्सव इस गीत में जीवंत हो उठता है, जहां युवा, बुजुर्ग, बच्चे—हर कोई रंगों में रंगकर "सराररररा" की धुन पर नाच उठता है।