आजा मां आजा सोहने मंदिरां नु छोड़के, aaja maa aaja sohne mandiran nu shod ke

आजा मां आजा सोहने मंदिरां नु छोड़के



आजा,,, मां आजा, सोहणे मंदिरां को छोड़ के ll
हो शेर पे, सवार, चुनरी, गोटे वाली ओढ़ के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

चुनरी, देखने, राम जी आए l
सीता, जी को, साथ लाए ll
हो राम ने, फूल बरसाए,
तेरी, चुनरी को देख के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

चुनरी, देखने, श्याम जी आए l
राधा, जी को, साथ लाए ll
हो श्याम ने, बंसी बजाई,
तेरी, चुनरी को देख के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

चुनरी, देखने, विष्णु जी आए l
लक्ष्मी, मां को, साथ लाए ll
हो विष्णु ने, चक्र चलाया,
तेरी, चुनरी को देख के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

चुनरी, देखने, शिव जी आए l
गौरा, मां को, साथ लाए ll
हो शिवा ने, डमरू बजाया,
तेरी, चुनरी को देख के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

चुनरी, देखने, ब्रह्मा जी आए l
ब्रह्माणी, जी को, साथ लाए ll
हो नारद ने, वीणा बजाई,
तेरी, चुनरी को देख के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

चुनरी, देखने, संगतें आईं l
श्रद्धा, भेंटें, साथ लाईं ll
उन्होंने, रज्ज रज्ज दर्शन पाए,
तेरी, चुनरी को देख के l
आजा,,, मां आजा, सोहणे,,,

अपलोडर - अनिलरामूर्ति भोपाल



श्रेणी : दुर्गा भजन



🚩माता रानी जी का यह भजन सुनकर नाच उठोगे 🚩# आजा मां आजा सोने मन्दिरां नु छोडके # 🌹🌹

"आजा मां आजा, सोहणे मंदिरां को छोड़ के" एक बेहद भावुक और पवित्र भजन है, जो मां दुर्गा की महिमा और उनके प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। यह भजन भक्तों को अपनी भक्ति और प्रेम से भर देता है, और मां के चरणों में समर्पण की भावना को जागृत करता है।

इस भजन के हर अंतरे में, विभिन्न देवताओं का उल्लेख किया गया है, जैसे राम जी, श्याम जी, विष्णु जी, शिव जी, और ब्रह्मा जी, जो मां की चुनरी को देखने आते हैं और अपने आशीर्वाद की वर्षा करते हैं। यह उन सभी महान देवी-देवताओं का सम्मिलित आशीर्वाद व्यक्त करता है जो मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं।

"चुनरी को देख के" यह पंक्ति दर्शाती है कि मां की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा का कितना महत्व है। देवताओं का मां के साथ जुड़ाव यह दिखाता है कि मां दुर्गा के प्रति समर्पण और विश्वास, हर युग में उच्चतम है।

भजन में जो शब्द "आजा मां आजा" बार-बार दोहराए जाते हैं, वह भक्तों का मां से अपने जीवन में आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बुलावा है। यह शब्द भक्तों को मां की उपस्थिति और उनकी शक्ति को महसूस कराने के लिए एक आह्वान है।

यह भजन विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान बहुत प्रिय है, और भक्तों को मां के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। अनिलरामूर्ती भोपाल जी द्वारा रचित यह भजन न केवल मां की महिमा का बखान करता है, बल्कि भक्तों को एक गहरी भक्ति और विश्वास के साथ जीवन जीने की प्रेरणा भी देता है।

Harshit Jain

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