ये खाटू धाम हैं
आ गया फागुन मेला, भक्तो का आगाज है
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है
पल पल तेरी याद सतावें,
ओ मेरे धनश्याम रे
भक्तो का अब मन नहीं लगता,
बिन तेरे श्याम है, प्यारा खाटू धाम है
कलियुग का है ये अवतारी,
कहते खाटू श्याम है
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है
फागुन के मेले में देखो, भक्तो की कतार है
श्याम धनी के दर्शन खातिर, भक्तो में इंतजार है
प्यारा खाटू धाम है
हारे के तुम हो सहारे, प्यारे खाटू श्याम रे
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है
बिन मांझी के नाव चले ना,
अब पकड़ पतवार रे
भक्तो की अब विनती सुन लो,
ओ मेरे दातार रे
हरष हरष "जाजू" गुण गावे,
दरस तेरी सब पावे
पावन मरूधरा की धरती,ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
YE KHATU DHAM HAI | ये खाटू धाम है | LOKESH JAJOO | NEW KHATU SHYAM BHAJAN | KHATU SHYAM DJ SONG
"ये खाटू धाम है" एक अत्यंत मधुर और भक्तिमय खाटू श्याम भजन है, जो फाल्गुन मेले के शुभ अवसर पर श्याम भक्तों के प्रेम और उत्साह को दर्शाता है। इस भजन में खाटू धाम की महिमा, बाबा श्याम की कृपा और भक्तों की अनन्य भक्ति को बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
भजन की शुरुआत ही इस भाव से होती है कि "आ गया फागुन मेला, भक्तों का आगाज है", जो यह दर्शाता है कि बाबा श्याम के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है और हर कोई उनके दिव्य दर्शन के लिए आतुर है।
"ये पावन मरुधरा की धरती, ये खाटू धाम है" – यह पंक्ति खाटू नगरी की पवित्रता और उसकी दिव्यता को प्रकट करती है, जो भक्तों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
भक्तों की श्रद्धा इतनी गहरी है कि "पल-पल तेरी याद सतावे, ओ मेरे धनश्याम रे", यह पंक्ति दर्शाती है कि बाबा श्याम के बिना भक्तों का मन कहीं और नहीं लगता। यह भक्तों की अनन्य भक्ति और बाबा श्याम के प्रति उनकी भावनाओं को व्यक्त करता है।
फाल्गुन मेले में उमड़ी श्रद्धालुजनों की भीड़ और उनकी भक्ति इस भजन का मुख्य आकर्षण है। "फागुन के मेले में देखो, भक्तों की कतार है", यह पंक्ति दर्शाती है कि बाबा श्याम के दर्शन के लिए भक्त बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
भजन का एक और महत्वपूर्ण संदेश यह है कि बाबा श्याम ही जीवन की नैया के खेवनहार हैं। "बिन मांझी के नाव चले ना, अब पकड़ पतवार रे", यह भाव स्पष्ट करता है कि जीवन की कठिनाइयों से पार पाने के लिए बाबा श्याम का सहारा ही पर्याप्त है।
"हरष हरष 'जाजू' गुण गावे, दरस तेरी सब पावे", यह पंक्ति बताती है कि हर भक्त अपने हृदय से बाबा श्याम का गुणगान कर रहा है और उनके दिव्य दर्शन से कृतार्थ हो रहा है।
"ये खाटू धाम है" केवल एक भजन नहीं, बल्कि श्याम भक्तों के लिए आस्था और प्रेम का प्रतीक है। लोकेंद्र जाजू जी की सुरीली आवाज़ और इस भजन की मनमोहक प्रस्तुति हर भक्त को बाबा श्याम की भक्ति में सराबोर कर देती है।