तेरे दर पे सांवरिया फागण हमको मनाना है
खाटू बुला लो श्याम धणी हमको भी खाटू आना है,
तेरे दर पे सांवरिया फागण हमको मनाना है,
मेरे सांवरे सरकार, मेरे सांवरे सरकार,
मेरे सांवरे सरकार, मेरे सांवरे सरकार
फागण का आया जो मेला यादें खाटू की आई,
सांवरिया तेरे दर्शन खातिर आँखें मेरी भर आई,
देर भला काहे को लगाते खाटू हमको जाना है,
तेरे दर पे सांवरिया फागण हमको मनाना है,
खाटू बुला लो श्याम धणी ............
जिनको मेरे श्याम धणी फागण में खाटू बुलाते हैं,
रींगस से पैदल चलकर खाटू में निशान चढ़ाते हैं,
उन प्रेमी संग मानव को तेरे दर पे निशान चढ़ाना है,
तेरे दर पे सांवरिया फागण हमको मनाना है,
खाटू बुला लो श्याम धणी ............
मेरे सांवरे सरकार, मेरे सांवरे सरकार,
मेरे सांवरे सरकार, मेरे सांवरे सरकार,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Falgun Humko Manana | KhatuShyam Mela Bhajan | Manav Joshi | खाटू बुलालो श्याम धणी हमें खाटू आना है
"खाटू बुला लो श्याम धणी हमको भी खाटू आना है" एक अद्भुत और भक्तिमय भजन है, जो श्याम प्रेमियों के हृदय में गहरी भक्ति का संचार करता है। इस भजन को मानव जोशी ने अपनी मधुर वाणी में गाया है, जो श्रोताओं को एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करता है। खाटू श्याम के दरबार में फागण महोत्सव की छटा निराली होती है, और यह भजन उसी पावन मेले की महिमा को दर्शाता है।
इस भजन में खाटू श्याम के भक्तों की व्याकुलता और उनकी गहरी आस्था का सुंदर चित्रण किया गया है। जब फागण का मेला आता है, तो भक्तों के मन में खाटू जाने की प्रबल इच्छा जागृत होती है। वे अपने सांवरे सरकार के दर्शन के लिए व्याकुल हो उठते हैं और मन ही मन प्रार्थना करने लगते हैं कि उन्हें भी खाटू बुला लिया जाए। यह भजन भक्तों की उस अनकही पुकार को शब्दों में ढालता है, जो वे अपने आराध्य से करते हैं।
खास बात यह है कि इस भजन में रींगस से खाटू की पदयात्रा का उल्लेख भी मिलता है, जहाँ श्रद्धालु पैदल चलकर निशान चढ़ाते हैं और अपने आराध्य को समर्पित करते हैं। यह केवल एक भजन नहीं, बल्कि श्याम भक्तों की गहरी भक्ति, प्रेम और समर्पण का सजीव चित्रण है। हर शब्द में भक्ति की गहराई और श्रद्धा की शक्ति झलकती है, जो सुनने वाले को खाटू श्याम की दिव्यता में लीन कर देती है।
अगर आप भी खाटू श्याम के अनन्य भक्त हैं और उनके दरबार में हाजिरी लगाने की अभिलाषा रखते हैं, तो यह भजन आपके हृदय में भक्ति की भावना को प्रबल कर देगा। जय श्री श्याम!