सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
तेरे चरण के देदे चाकरी .......
तेरे चरण के देदे चाकरी .......
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
तेरे दर का सांवरिया गर चाकर बन जाऊं,
सांझ सवेरे सांवरिया म्हे रोज़ लगाऊं हाजिरी,
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
जद जद तेरी आरती होवे मैं ही घंटी बजाऊं,
भोग लगाऊं दाल चूरमो और खिलाऊँ बाजरी,
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
तेरे मंदरिये में बाबा भक्त हज़ारो आवे,
बा के संग में हिल मिल जाऊं गाऊं... जय श्री श्याम जी,
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
मानु की नादान हूँ बाबा सेवा करनी ना जानू,
पापी हूँ या कपटी लेकिन आऊं तेरे धाम जी,
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
मन्ने अपनों जान के बाबा सेवा में रख लीजे,
कमला तेरे दरस की होवे पूरी बाबा आस जी,
सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Charna Ki Chaakri | सुन खाटूवाला तेरे चरणां की देदे चाकरी | Khatu Shyam Bhajan | Paras Bararia
"सुन खाटूवाला तेरे चरण के देदे चाकरी" भजन एक सच्चे भक्त की विनम्र प्रार्थना को व्यक्त करता है, जो अपने आराध्य श्याम बाबा की सेवा में जीवन समर्पित करने की इच्छा रखता है। यह भजन न केवल भक्ति की गहराई को दर्शाता है, बल्कि उस निस्वार्थ प्रेम को भी प्रकट करता है, जो भक्त और भगवान के बीच होता है।
भजन में भक्त बाबा श्याम से चरणों की चाकरी मांगता है, ताकि वह हर सुबह-शाम उनकी सेवा कर सके, मंदिर में हाजिरी लगा सके और उनकी आरती में घंटी बजाने का सौभाग्य प्राप्त कर सके। यह प्रेम और समर्पण की पराकाष्ठा को दर्शाता है, जहाँ भक्त अपने स्वार्थों से परे जाकर बस प्रभु सेवा में लीन रहना चाहता है।
खाटू श्याम के मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन यह भजन एक अलग ही भावना प्रकट करता है—जहाँ कोई सिर्फ दर्शन के लिए नहीं, बल्कि उनकी चाकरी के लिए बाबा के चरणों में स्थान मांग रहा है। चाहे सेवा का ज्ञान हो या न हो, चाहे भक्त खुद को पापी समझे या अज्ञानी, लेकिन बाबा की कृपा से वह भी उनकी सेवा में स्वीकार किए जाने की आशा रखता है।
यह भजन खाटू श्याम जी की भक्ति में डूबे हर भक्त के हृदय की पुकार है, जो अपने आराध्य के चरणों में हमेशा के लिए समर्पित रहना चाहता है। इसे सुनकर मन भाव-विभोर हो जाता है और हृदय में बाबा के चरणों में सेवा करने की तीव्र लालसा जाग उठती है।