सतरंगी मेला है आयो
तर्ज - आन मिलो सजना,
सतरंगी मेला है आयो,चालो श्याम दुअरिया,
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो,
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो,
श्याम प्रेमी लाखो आते बाबा की नगरिया,
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो,
पूरा साल है रहता इंतजार जी कब आएगा फागुन् तेहवार जी,
लगता खाटू में लक्खी है मेला आते बाबा के प्रेमी है हजार जी,
जी भर के वो मौज उड़ाते बाबा की नगरिया,
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो,
कोई रेल और जहाज से आता कोई रिंग्स से पैदल है आता,
कोई श्याम निशान चढ़ाता कोई डीजे भी साथ में लाता,
अरे सबकी इच्छा पुरी करता मेरा श्याम है सावरिया,
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो,
खूब होते हैं श्याम भंडारे होते कीर्तन और बजते हैं नगाड़े,
होता स्वर्ग सा नजारा खाटू धाम का भक्त खूब लगाते हैं जयकारे,
बाबा के हैं प्रेमी पागल शंकर है चाकरिया,
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो,
लेखक व गायक:- शंकर यादव (7982956590)
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
फाल्गुन मेला स्पेशल श्याम भजन | सतरंगी मेला आयो | Satrangi Mela Aayo | Shankar Yadav | Khatu Shyamji
"सतरंगी मेला आयो" एक उत्साहपूर्ण और भक्तिमय खाटू श्याम भजन है, जो फाल्गुन के पावन मेले की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में श्याम भक्तों की श्रद्धा, उमंग और प्रेम को बड़े ही मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। यह भजन उन सभी भक्तों के हृदय में हर्ष और उल्लास का संचार करता है, जो हर साल बेसब्री से इस पावन मेले का इंतजार करते हैं।
भजन की शुरुआत में ही बताया गया है कि खाटू श्यामजी का यह सतरंगी मेला किसी उत्सव से कम नहीं है। "श्याम प्रेमी लाखों आते बाबा की नगरिया" जैसी पंक्तियाँ इस बात को दर्शाती हैं कि यह मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें वे अपने आराध्य के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं।
इस भजन में बताया गया है कि कोई रेल से आता है, कोई जहाज से, तो कोई पैदल नंगे पाँव श्याम निशान चढ़ाने के लिए निकलता है। यह श्याम प्रेम की पराकाष्ठा को दर्शाता है, जहाँ भक्त किसी भी कठिनाई की परवाह किए बिना बाबा के दरबार में हाज़िर होने के लिए आतुर रहते हैं। "कोई डीजे भी साथ में लाता" यह पंक्ति भक्तों की आनंद और भक्ति से भरी हुई यात्रा को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है।
खाटू धाम में होने वाले विशाल भंडारे, अखंड कीर्तन और जयकारों का मनोहारी वर्णन इस भजन को और भी आकर्षक बनाता है। "होता स्वर्ग सा नजारा खाटू धाम का" यह पंक्ति इस बात को सिद्ध करती है कि फाल्गुन का मेला मानो भक्तों के लिए स्वर्गिक आनंद की अनुभूति कराता है।
शंकर यादव जी द्वारा लिखा और गाया गया यह भजन न केवल भक्तों के मन में उत्साह जगाता है, बल्कि उन्हें श्याम बाबा की कृपा और प्रेम का एहसास भी कराता है। इस भजन को सुनते ही हर श्याम प्रेमी का मन खाटू नगरी की यात्रा के लिए व्याकुल हो उठता है।