साथ ना टूटे तेरा मेरा भोले शंकर
ऐसी रेहमत बनाये रखना,
मुझमे मेरे भोले शंकर,
जन्मो जनम तक साथ ना टूटे,
तेरा मेरा भोले शंकर,
कोई ना अपना ना कोई पराया,,
तुम ही तो हो भोले मेरा सहारा,
तूने जबसे हाथ है पकड़ा,
तबसे तू ही मेरा पालनहारा,,
मुझको भी भोले मुझको भी सीने से लगा लो,
बाबा अपनी प्यारी भस्म समझ कर,,
जन्मो जनम तक साथ ना टूटे,
तेरा मेरा भोले शंकर,
जपता रहूं मैं तेरे नाम की माला,
रोज़ चढ़ाऊँ तुझे गंगा की धारा,
तुझसे ही तो रोशन है ज़िन्दगी मेरी,
बिन तेरे जग लागे वीराना,
सुनलो तुम भोले अपनी ये धुन,
जैसे हो डमरू का मधुर स्वर,
जन्मो जनम तक साथ ना टूटे,
तेरा मेरा भोले शंकर,
शमशानों में तेरा है डेरा,
कण कण में ही तेरा बसेरा,
विषधारी कहलाता है तू,
कौन जाने तेरी क्या है माया,
इस तिशावर को अपना बना लो,
हे प्रभु भक्तों के महेश्वर,
जन्मो जनम तक साथ ना टूटे,
तेरा मेरा भोले शंकर,
श्रेणी : शिव भजन
Shankar Saath Na Toote | Mahashivratri Bhajan | Aashish Tishawer | साथ ना टूटे तेरा मेरा भोले शंकर
"साथ ना टूटे तेरा मेरा भोले शंकर" एक अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धा से भरा हुआ भजन है, जो भक्त और भगवान भोलेनाथ के बीच अटूट प्रेम और विश्वास को दर्शाता है। इस भजन को आशीष तिशावर ने लिखा है, और इसके बोल इतने मधुर एवं हृदयस्पर्शी हैं कि इसे सुनते ही भक्ति की एक अनोखी लहर मन में उठती है।
भजन की पंक्तियाँ भगवान शिव की असीम कृपा और करुणा को दर्शाती हैं। इसमें भक्त की गहरी प्रार्थना झलकती है कि भोलेनाथ की कृपा सदा बनी रहे और जन्मों जन्म तक यह दिव्य संबंध अटूट बना रहे। "कोई ना अपना, ना कोई पराया, तुम ही तो हो भोले मेरा सहारा" जैसी पंक्तियाँ इस भजन को और भी भावनात्मक बना देती हैं, जिससे भक्ति का रस छलक पड़ता है।
इस भजन में शिव के प्रति अनन्य भक्ति की भावना को बहुत ही सुंदर तरीके से व्यक्त किया गया है। शिव भक्तों की यह प्रार्थना कि "मुझको भी सीने से लगा लो, बाबा अपनी प्यारी भस्म समझ कर" यह दर्शाती है कि भक्त शिव की भक्ति में लीन होकर स्वयं को पूरी तरह शिवमय कर लेना चाहता है। शिव के डमरू की ध्वनि की तरह यह भजन भी भक्तों के मन में भक्ति की लहर पैदा करता है।
शिव का वैराग्य, उनका शमशानों में वास, उनकी अलौकिक माया, इन सभी का सुंदर चित्रण इस भजन में देखने को मिलता है। "शमशानों में तेरा है डेरा, कण-कण में ही तेरा बसेरा" जैसी पंक्तियाँ शिव की व्यापकता और उनके हर कण में व्याप्त होने का प्रमाण देती हैं। इस भजन को सुनने और गाने से शिव की भक्ति का आनंद दोगुना हो जाता है, और मन में भक्ति का अद्भुत संचार होता है।
यह भजन विशेष रूप से महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सुनने और गाने के लिए उपयुक्त है। इसकी हर पंक्ति शिव की कृपा और उनके प्रति अटूट प्रेम को प्रकट करती है, जिससे भक्तों का हृदय शिवमय हो जाता है। "साथ ना टूटे तेरा मेरा भोले शंकर" न केवल एक भजन है, बल्कि यह एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति है, जो भक्त और भगवान के बीच प्रेम और समर्पण का एक अमिट बंधन स्थापित करती है।