फागण आया श्याम
फागण आया श्याम,
फागण की रुत ये निराली है,
संग खेल रहे है मुरारी है,
भक्तों देखो ये नज़रा,
जय श्री श्याम,
फागण का नजारा देखे खाटू वाला,,
यो फागण का दिवाना, लीले घोड़ा वाला,
फागण आया श्याम,
वो खाटू के राजा, मन्दिर से बाहर आजा, तू आजा,
फागण के राजा, मन्दिर से बाहर आजा,
तेरे प्रेमी बाहर आख धरे,
हाथों में सबके गुलाल भरे,
सिंघानसन छोड़ दे कान्हा,
जय श्री श्याम,
फागण का नजारा देखे खाटू वाला,
यो फागण का दिवाना, लीले घोड़ा वाला,
फागण का दिवाना है तू खाटू नगरी वाला है,
जो फागण में प्रेमी निशान चढ़ाते है,
बडे खास है वो भक्तो जिसे श्याम बुलाते है,
जो फागण में प्रेमी निशान चढ़ाते है,
बडे खास है वो भक्तो जिसे श्याम बुलाते है,
तू ही करता तू ही धरता,
तू ही सब कुछ बाबा,
फागण का नजारा देखे खाटू वाला,
यो फागण का दिवाना, लीले घोड़ा वाला,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Fagun Aaya shyam | Ravi Gour | latest khatu shyam bhajan | फागण आया श्याम
"फागण आया श्याम" एक भक्तिपूर्ण खाटू श्याम भजन है, जो श्याम प्रेमियों को खाटू नगरी की अलौकिक फागण होली का अनुभव कराता है। फागण का महीना आते ही श्याम भक्तों के मन में उमंग और भक्ति की लहर दौड़ जाती है, क्योंकि यह समय बाबा श्याम की रंगीली होली और उनके दरबार में अटूट श्रद्धा प्रकट करने का होता है।
भजन की शुरुआत फागण के निराले मौसम और मुरारी संग खेली जाने वाली होली के उल्लास से होती है। खाटू नरेश के भक्त उनके मंदिर के बाहर प्रेमपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं, हाथों में गुलाल भरे हुए, और उनसे निवेदन कर रहे हैं कि वे अपने प्रेमियों पर कृपा करें और बाहर आकर अपनी होली लीला रचाएं। यह दृश्य भक्तों के प्रेम और समर्पण को दर्शाता है, जो निशान चढ़ाकर अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और बाबा श्याम की कृपा के पात्र बनते हैं।
"फागण का नज़ारा देखे खाटू वाला, यो फागण का दीवाना, लीले घोड़ा वाला"—ये पंक्तियाँ बाबा श्याम के रंगीले स्वरूप और उनकी होली की विशेषता को प्रकट करती हैं। बाबा की लीला निराली है, उनकी भक्ति अनोखी है, और जो भी शरण में आता है, वह उनके प्रेम और रंगों में रंग जाता है।
रवि गोर द्वारा प्रस्तुत यह भजन खाटू श्याम जी के भक्तों को भक्ति, प्रेम और आनंद के रंग में सराबोर कर देता है। श्याम प्रेमियों के लिए यह सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि श्याम के दरबार में समर्पण और उल्लास से झूमने का अवसर है।