बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार
मन्दिर माहि बड़ग्यो सांवरो देख रंग की थाल,
भीतर से मारे पिचकारी केसर रंग अपार,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
जो भी आये मेले माहि रिमझिम पड़े फुहार,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
भांत भांत का इत्र चढ़त है महक रयो दरबार तेरो,
माखन मिश्री भोग लगत है मेवा भर भर थाल,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
फागण आयो रंग रंगीलो,
फागण आयो रंग रंगीलो,
सूरत प्यारी कृष्ण मुरारी मीठी सी मुस्कान तेरी,
ऐसी प्यारी चितवन जा पे उज्जवल है बलिहार,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Baba Shyam Ke Darbar Fagun Mele Ki Bahaar | फागण मेले की बहार | Aparna Mishra Shyam Dhamal Bhajan
बाबा श्याम के दरबार फागण मेले की बहार एक अत्यंत सुंदर और हृदय को रंगों से सराबोर करने वाला भजन है, जिसे अपर्णा मिश्रा ने अपनी मधुर वाणी से सजाया है। इस भजन में फागण के मेले की रौनक, बाबा श्याम के दरबार की भव्यता और भक्तों की भावनाओं को बड़े ही मनमोहक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। भजन की आरंभिक पंक्तियाँ – "रंग बरसे भीगे हैं बृजबाला, रंग बरसे..." सुनते ही मन में एक अलौकिक आनंद का संचार होने लगता है।
इस भजन में वर्णन किया गया है कि जब बाबा श्याम के दरबार में फागण का मेला सजता है, तब चारों ओर रंगों की बरसात होती है। मंदिर में सांवरे सरकार विराजमान होते हैं और उनके सामने रंगों की थाल सजी होती है। भक्तगण बाबा श्याम के चरणों में भक्ति और प्रेम के रंग में डूबकर झूम उठते हैं। भीतर से केसर की पिचकारी छूटती है और पूरे दरबार में इत्र, माखन-मिश्री और मेवा की महक फैल जाती है। भजन में इस दिव्य वातावरण को बड़े ही सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानो हम स्वयं उस भव्य मेले का हिस्सा बन गए हों।
भजन के आगे की पंक्तियाँ – "फागण आयो रंग रंगीलो, सूरत प्यारी कृष्ण मुरारी..." – बाबा श्याम की अनुपम छवि और उनकी मनमोहक मुस्कान का वर्णन करती हैं। इस भजन को सुनते ही भक्तों के मन में भक्ति का भाव उमड़ने लगता है और वे स्वयं को बाबा श्याम के चरणों में समर्पित महसूस करते हैं। यह भजन न केवल फागण के रंगों को दर्शाता है, बल्कि बाबा श्याम की महिमा और उनके प्रति अटूट भक्ति को भी उजागर करता है। फागण मेले की बहार को संजोए यह भजन हर भक्त के मन को आनंदित करने वाला है।