सांवेर की धरती
सांवेर की धरती....
सांवेर की धरती हनुमत साजे, चले है इनकी मर्जी
सांवेर की धरती
पाताल में जाकर जब बजरंग, अहिरावन राज मिटाते है
दिल बाग़ बाग़ हो जाता है, जब राम हृदय मुस्काते है
सुन के पतन की आवाजे, सुन के पतन की आवाजे,
यु लगे कही विध्वंस जगे
अरे राम लखन संग आते ही, सेना के मन संग हर्ष जगे.
बजरंग बाबा की यह प्रतिमा, यहाँ उल्टा दर्शन देती है
गम कोसो दूर हो जाता है. कष्ट और पीड़ा हर लेती है, ओ....
सुन जयसियाराम के नारों से, सुन जयसियाराम के नारों से
नगर, गगन, पूरा जगे
सांवेर नगर की यह भूमि, इंदौर उज्जैन के मध्य बसे
सांवेर की धरती.....
श्रेणी : हनुमान भजन
Sanwer Ki Dharti | Shri Patal Vijay Ulte Hanuman | Chintan T | 2024 Bhajan
"सांवेर की धरती" भजन हनुमान जी की अपार महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति का अद्भुत वर्णन करता है। यह भजन विशेष रूप से सांवेर (मध्य प्रदेश) की पावन भूमि से जुड़ा हुआ है, जहाँ बजरंगबली की अद्भुत उल्टी प्रतिमा स्थित है, जो भक्तों के कष्ट हरने वाली मानी जाती है।
भजन में बताया गया है कि जब पवनपुत्र हनुमान जी पाताल लोक गए और अहिरावण का अंत किया, तब भगवान श्रीराम के हृदय में आनंद उमड़ पड़ा। उनकी विजय की गूंज से संपूर्ण ब्रह्मांड में हर्ष छा गया। इस भक्तिमय रचना में हनुमान जी के साहस, पराक्रम और रामभक्ति को सुंदर रूप से प्रस्तुत किया गया है।
सांवेर की धरती पर स्थित हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, पीड़ा समाप्त हो जाती है, और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। जब नगर और गगन "जय सियाराम" के नारों से गूंजता है, तो संपूर्ण वातावरण भक्तिरस में डूब जाता है। यह भजन सांवेर की महिमा का बखान करते हुए यह भी दर्शाता है कि यह भूमि इंदौर और उज्जैन के मध्य स्थित एक पवित्र स्थान है, जो हनुमान भक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय है।
"सांवेर की धरती" भजन न केवल हनुमान जी की भक्ति को जाग्रत करता है, बल्कि भक्तों के हृदय में एक अनोखी श्रद्धा और आत्मविश्वास भी भरता है। यह भजन सुनकर हर हनुमान भक्त "जय बजरंगबली" के जयघोष से गूंज उठता है।