सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं
सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
अनुपम प्रेम जगे जीवन में तन मन रंग जाए तेरे रंग में,
अरे रंगों की करो बौछार मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
रंग दो वृन्दावन की गलियाँ ग्वालन गोपिन और सब सखिया,
रंग की मारो ऐसी धार मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
हर पल तेरा रूप निहारूं सोवत जगत तोहे पुकारूँ,
कर दो मेरा बेडा पार मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में,
श्रेणी : कृष्ण भजन
होली भजन | सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में | Krishna Bhajan | Holi Bhajan
"सांवरिया ऐसा डाल गुलाल मैं रंग जाऊं तेरे रंग में" एक सुंदर और भावपूर्ण कृष्ण भजन है, जो भक्ति और रंगों के अद्भुत संगम को प्रस्तुत करता है। यह भजन प्रेम, श्रद्धा और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गहरी आस्था को व्यक्त करता है। इसमें भक्त अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहता है कि हे सांवरिया! ऐसा रंग डालो कि मैं पूरी तरह से तुम्हारे रंग में रंग जाऊं। यह भजन होली के रंगों के माध्यम से भक्त और भगवान के बीच के प्रेम को दर्शाता है, जहाँ भक्त कृष्ण की भक्ति में लीन होकर उनकी मोहक छवि में खो जाता है।
इस भजन की प्रत्येक पंक्ति में कृष्ण प्रेम की गहरी अनुभूति झलकती है। वृंदावन की गलियों में ग्वालों और गोपियों के साथ खेली जाने वाली होली की झलक इस भजन में देखने को मिलती है। भक्त अपने तन-मन को श्रीकृष्ण के रंग में रंगने की प्रार्थना करता है और उनके प्रेम में लीन होकर पूर्ण समर्पण की भावना व्यक्त करता है। यह भजन भक्त के मन में आध्यात्मिक रंग भरता है और श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।