सज रहे भोले बाबा
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में,
निराले दूल्हे में, मतवाले दूल्हे में,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में,
अरे देखो भोले बाबा की अजब है बात,
चले हैं संग ले कर के भूतों की बरात,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में,
भेस निराला, जय हो,
पीए भंग का पायला, जय हो,
सर जटा चढ़ाये, जय हो,
तन भसम लगाए, जय हो,
ओढ़ी मृगशाला, जय हो,
गले नाग की माला, जय हो,
है शीश पे गंगा, जय हो,
मस्तक पे चंदा, जय हो,
तेरे डमरू साजे, जय हो,
त्रिशूल विराजे, जय हो,
भूतों की ले कर टोली चले हैं ससुराल,
शिव भोले जी दिगंबर हो बैल पे सवार,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में,
नित रहें अकेले शंकर अलबेले,
हैं गुरु जगत के नहीं किसी के चेले,
है भांग का जंगल जंगल में मंगल,
भूतों की पल्टन आ गयी है बन थन,
ले बांग का कठ्ठा ले कर सिल वट्टा,
सब घिस रहें है हो हक्का बक्का,
पी कर के प्याले हो गए मतवाले,
कोई नाचे गावे कोई ढोल बजावे,
कोई भौं बतावेकोई मुंह पिचकावे,
भोले भंडारी पहुंचे ससुरारी,
सब देख के भागे सब नर और नारी,
कोई भागे अगाडी कोई भागे पिछाड़ी,
खुल गयी किसी की धोती और साडी,
कोई कूदे खम्बम कोई बोले बम बम,
कोई कद का छोटा कोई एकदम मोटा,
कोई तन का लम्बा कोई ताड़ का खम्बा,
कोई है इक टंगा कोई बिलकुल नंगा,
कोई एकदम काला कोई दो सर वाला,
‘शर्मा’ गुण गए मन में हर्षाए,
त्रिलोक के स्वामी क्या रूप बनाए,
भोले के साथी हैं अजब बाराती,
भूतों की ले कर टोली चले हैं ससुराल,
शिव भोले जी दिगंबर हो बैल पे सवार,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में,
श्रेणी : शिव भजन
🙏🏻🙏🏻सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में saj rahe bhole baba #shivbhajan 2022 महाशिवरात्रि स्पेशल भजन🌷
"सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में" एक अद्भुत और मनमोहक शिव भजन है, जो भगवान शंकर के निराले रूप, उनकी अनूठी बारात और अलौकिक श्रृंगार का अद्भुत वर्णन करता है। इस भजन में भोलेनाथ की भव्यता, उनकी भूतों की बारात, गले में नाग की माला, सिर पर जटा और गंगा, भस्म का लेप और डमरू-त्रिशूल की महिमा का विस्तार से चित्रण किया गया है। शिव की बारात का यह मनोरम दृश्य भक्तों के मन में उनकी दिव्यता और अद्वितीय स्वरूप को सजीव कर देता है।
इस भजन में भगवान शिव के अलौकिक रूप का ऐसा वर्णन किया गया है, जो उनके अनगिनत भक्तों के हृदय में श्रद्धा और भक्ति की भावना को जाग्रत करता है। शिवजी की सवारी, उनके साथ भूत-प्रेतों की टोली और उनकी अनूठी वेशभूषा इस भजन को और भी विशेष बनाती है। भूतों की पलटन, भांग का प्रसंग और भोले की अनोखी ससुराल यात्रा का अद्भुत वर्णन इस भजन को और भी रोचक बना देता है।
भजन में शिवजी के नटराज स्वरूप, उनके दिगंबर रूप और उनकी सहजता का उल्लेख बड़ी ही सुंदरता से किया गया है। जब शिवजी अपनी भूतों की टोली लेकर ससुराल पहुंचते हैं, तो वहां का दृश्य अत्यंत मनोरंजक हो जाता है—कोई भागता है, कोई चिल्लाता है, कोई हक्का-बक्का रह जाता है। यह सब दर्शाता है कि भोलेनाथ की बारात कोई सामान्य बारात नहीं, बल्कि एक दिव्य और अद्वितीय यात्रा है, जो संपूर्ण सृष्टि के नियमों से परे है।
यह भजन शिवभक्तों के लिए केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो भक्तों को भगवान शिव के निराले रूप से जोड़ता है। उनकी भक्ति में डूब जाने, उनके नृत्य, उनकी मस्ती और उनकी अनोखी लीलाओं को अनुभव करने का यह एक सुंदर माध्यम है। महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर यह भजन विशेष रूप से गाया जाता है, जिससे भक्तों के मन में शिव की भक्ति की तरंगें उमड़ पड़ती हैं।
भगवान शिव के इस भजन को सुनकर हर भक्त उनके निराले दूल्हे स्वरूप की कल्पना करने लगता है और उनकी महिमा में खो जाता है। शिव की अनोखी बारात, उनके साथ विचित्र बाराती और उनका नटराज रूप, यह सब मिलकर इस भजन को भक्तों के लिए एक अनुपम आध्यात्मिक अनुभव बना देते हैं। जय भोलेनाथ! 🚩🙏