संयम का रंग लगा
जय जय कार, जय जयकार,
जय जय कार,संयम का जय जयकार
जय जय कार, जय जयकार,
जय जय कार,संयम का जय जयकार
इसी मार्ग के जरिए हमने, महावीर प्रभु को पाया
इसी मार्ग पर चलकर चंदना ने आत्म सूखता पाया
अब तुमने भी अपनाया है संयम के इस मार्ग को
बढ़ो निरंतर तुम इस पथ aपर, पाओ अंतर ज्ञान को
यह मनोरथ हासिल करके गौरव सबका बढ़ा है
संयम का रंग लगा, आतम में संभाव जगा
वीरती का का रंग लगा, निज आतम में संभाव जगा
संयम का रंग लगा
जय जय कार, जय जयकार,
जय जय कार,संयम का जय जयकार
वीरती का वेश है और वीरों का मार्ग
प्रभु का उपदेश है और समता का राग
सफल बनो तुम सबल बनो तुम, और तुम नित राग बनो
करो तपस्या साधना और यह, भवसागर तुम पार करो
मुक्त बानो सारे कर्मों से, प्रभु शरण की हो छाया
का रंग लगा, आतम में संभाव जगा
वीरती का का रंग लगा, निज आतम में संभाव जगा
संयम का रंग लगा
जय जय कार, जय जयकार,
जय जय कार,संयम का जय जयकार
जय जय कार, जय जयकार,
जय जय कार,संयम का जय जयकार
श्रेणी : जैन भजन
Saiyam Ka Rang Laga | Latest Diksha Song | Jain Song | Vicky D Parekh
"संयम का रंग लगा" एक ऐसा भजन है, जो आध्यात्मिक पथ पर चलने की प्रेरणा देता है और संयम के महत्व को उजागर करता है। यह भजन संयम, आत्मशुद्धि और महावीर प्रभु के दिखाए मार्ग की महिमा का गुणगान करता है। इसकी प्रत्येक पंक्ति संयम के रंग में रंग जाने की अनुभूति कराती है और भक्तों को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करती है।
इस भजन में बताया गया है कि संयम के मार्ग पर चलकर चंदना ने आत्मिक सुख की प्राप्ति की, और जो भी इस मार्ग को अपनाएगा, वह अंतर ज्ञान को प्राप्त करेगा। संयम और वीरता का यह मार्ग व्यक्ति को समता और आत्मसाक्षात्कार की दिशा में ले जाता है। भजन में महावीर स्वामी के उपदेशों की गूंज सुनाई देती है, जिसमें तपस्या, साधना और समर्पण के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति का संदेश दिया गया है।
इस भावपूर्ण भजन को विक्की डी. पारिख (Vicky D Parekh) ने अपनी मधुर ध्वनि में प्रस्तुत किया है, जो इसे और भी आकर्षक बना देता है। इसकी गहराई भरी भावनाएं और सशक्त शब्द संयोजन, भक्तों के मन में संयम और साधना की लौ जलाने का कार्य करते हैं। यह भजन न केवल एक संगीतमय प्रस्तुति है, बल्कि जैन धर्म के आदर्शों और सिद्धांतों का प्रतिबिंब भी है।
संयम और साधना की इस मंगलमय साधना को समर्पित यह भजन हर उस भक्त के लिए प्रेरणादायक है, जो आत्मशुद्धि और मोक्ष की राह पर अग्रसर होना चाहता है।