रंग बरसे लाल गुलाल हो
रंग बरसे लाल गुलाल हो गुलाल वृषभानलली के मन्दिर में
धुन: जय जय गोवर्धन महाराज भजन पर
रंग बरसे लाल गुलाल,
हो गुलाल, वृषभानलली के मन्दिर में।
सब हो गए लालों लाल,
राधा रानी के मन्दिर में ॥
भीगे चुनरी चोली दामन ।
मुख हो गए लाल गुलाल,
हो गुलाल - वृषभानलली...
सुन सुन कर साजों की सरगम ।
सब नाचें बजाकर ताल
हो ताल - वृषभानलली...
राधा रूप छटा मन मोहिनी ।
कर दरस हो मनवा निहाल
निहाल - वृषभानलली...
मन ‘मधुप’ डूबा रंग रस में ।
सब बोलें जय जयकार
जयकार - वृषभानलली...
श्रेणी : कृष्ण भजन
रंग बरसे लाल गुलाल वृषभानु लली के मंदिर में | Latest Holi Bhajan | Chitra Vichitra Ji | CVM Music
रंग बरसे लाल गुलाल" एक सुन्दर होली भजन है, जिसे चन्द्रविचित्र जी द्वारा प्रस्तुत किया गया है। यह भजन राधा रानी के मंदिर में होली के उल्लासपूर्ण माहौल को दर्शाता है। भजन में वृषभानु लली के मंदिर में गुलाल बरसने की छवि को बहुत ही मोहक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। भजन की धुन "जय जय गोवर्धन महाराज" पर आधारित है, जो श्रोताओं के मन को मंत्रमुग्ध कर देती है।
भजन में वर्णन किया गया है कि कैसे सबके वस्त्र और मुख लाल गुलाल से रंग गए हैं। साजों की सरगम और ताल पर लोग नृत्य कर रहे हैं, मानो सम्पूर्ण ब्रज भूमि होली के रंग में रंग गई हो। राधा रानी के रूप की मनोहर छवि को देख मन आनंदित हो जाता है और चारों ओर जयकारों की गूंज सुनाई देती है। 'मधुप' का मन इस रंग रस में पूरी तरह से डूब गया है, और भक्तों के मुख से राधा रानी की जय-जयकार फूट पड़ती है।
यह भजन होली के त्यौहार की पवित्रता और प्रेम को प्रकट करता है, और इसे सुनकर भक्तजन भक्ति और आनंद में सराबोर हो जाते हैं।