पर्वत पे डमरू बजावे भोले बाबा
पर्वत पे डमरू बजावे भोले बाबा
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले बाबा ll
बजावे, भोले बाबा, बजावे भोले बाबा ll
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले..
डमरू, की धुन सुन, ब्रह्मा जी आए l
ब्रह्मा, जी आए संग, ब्रह्माणी को लाए l
नारद, मुनि को, नचावे भोले बाबा l
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले..
डमरू, की धुन सुन, विष्णु जी आए l
विष्णु, जी आए संग, लक्ष्मी जी को लाए l
सारे, देवों को, नचावे भोले बाबा l
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले..
डमरू, की धुन सुन, दाऊ जी आए l
दाऊ, जी आए संग, कान्हा जी को लाए l
राधा, को संग में, नचावे भोले बाबा l
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले..
डमरू, की धुन सुन, रामा जी आए l
रामा, जी आए संग, सीता जी को लाए l
हनुमत को, संग में, नचावे भोले बाबा l
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले..
डमरू, की धुन सुन, गणपति जी आए l
गणपति, जी आए संग, रिद्धि सिद्धि लाए l
शुभ, लाभ को, संग में, नचावे भोले बाबा l
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले...
डमरू, की धुन सुन, मईया जी आई l
मईया, जी आई संग, लांगुर को लाई l
भक्तों को, संग में, नचावे भोले बाबा l
पर्वत, पे डमरू, बजावे भोले..
हर हर महांदेव
श्रेणी : शिव भजन
प्रातःकाल हर घर मैं बज रहा है ये मीठा शिव भजन | पर्वत पे डमरू बजावे भोले बाबा | Bholebaba Ka Bhajan
"पर्वत पे डमरू बजावे भोले बाबा" एक अत्यंत मधुर और भक्तिमय शिव भजन है, जो भगवान शिव के दिव्य नृत्य, उनके डमरू की गूंज और उसके प्रभाव को दर्शाता है। इस भजन में भगवान भोलेनाथ के डमरू की धुन इतनी शक्ति और चमत्कार से भरी हुई है कि ब्रह्मा, विष्णु, श्रीकृष्ण, श्रीराम, हनुमान, गणपति और स्वयं माता पार्वती तक इस धुन की ओर खिंचे चले आते हैं और आनंदमग्न होकर नृत्य करने लगते हैं।
यह भजन शिव की अलौकिक महिमा का बखान करता है, जिसमें उनके डमरू की ध्वनि संपूर्ण ब्रह्मांड में गुंजायमान हो जाती है। जैसे ही डमरू बजता है, देवता अपनी दिव्यता को भूलकर नृत्य में मग्न हो जाते हैं। ब्रह्मा जी ब्रह्माणी के साथ आते हैं, विष्णु जी लक्ष्मी माता को संग लाते हैं, कृष्ण जी दाऊजी और राधा जी के साथ आनंद में डूब जाते हैं, श्रीराम, सीता माता और हनुमानजी के साथ इस उत्सव में सम्मिलित होते हैं, और स्वयं गणपति जी रिद्धि-सिद्धि के साथ इस दिव्य संकीर्तन का हिस्सा बन जाते हैं।
भजन के हर चरण में शिव की महिमा, उनकी ऊर्जा और उनकी दिव्य शक्ति का सुंदर चित्रण किया गया है। यह बताता है कि जब भगवान शिव अपने डमरू को बजाते हैं, तो केवल पृथ्वी ही नहीं, बल्कि पूरा ब्रह्मांड उनकी लय में थिरक उठता है। शिव के इस अनूठे तांडव में हर कोई उनकी भक्ति में झूम उठता है।
"पर्वत पे डमरू बजावे भोले बाबा" न केवल एक भजन है, बल्कि यह शिव के अनंत आनंद, उनकी ऊर्जा और भक्ति की शक्ति का प्रमाण भी है। यह भजन भक्तों के मन में शिव की भक्ति का एक अद्भुत वातावरण उत्पन्न करता है, जिससे हर कोई उनकी महिमा में लीन हो जाता है। प्रातःकालीन समय में इस भजन को सुनने से मन को शांति मिलती है, और घर-परिवार में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हर हर महादेव! 🚩🙏