लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
प्रेम लूटाने और रिझाने देखो आए रे,
ढोल नगाड़े संग में मंजीरे देखो लाये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
भाव में डूब के बैठे मस्ती में खोए सारे,
होश खबर ना खुद की आए जो दर पर तुम्हारे,
तुमको जो भाये वही सुनाएं हम दीवाने रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
सबके दिल में बाबा अर्जी है अपनी-अपनी,
न्यारे है सबके तरीके बात रखें जो मन की,
गाकर तराने श्याम दीवानी भोग लगाए रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
खाटू का यह राजा, ऐसा है श्याम मिजाजी,
दोनों हाथ लुटावे पल में होकर राजी,
पल्लवी के संग में धूम मचाए नाचे गाए रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
प्रेम लूटाने और रिझाने देखो आए रे,
ढोल नगाड़े संग में मंजीरे देखो लाये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
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"लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे" एक अद्भुत और भक्तिभाव से परिपूर्ण श्याम भजन है, जो खाटू वाले श्याम की महिमा का गुणगान करता है। यह भजन प्रेम और भक्ति का संगम है, जिसमें श्रद्धालु अपने आराध्य के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण को व्यक्त करता है। भजन के हर शब्द में भक्ति की गहराई झलकती है, जो सुनने वाले को भक्तिरस में सराबोर कर देती है।
इस भजन में श्याम प्रेमियों की भावनाओं को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। भक्तगण प्रेम और श्रद्धा से भरकर, ढोल-नगाड़ों और मंजीरों के संग श्याम बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। उनके दिलों में सिर्फ एक ही भावना होती है—श्याम से प्रेम लुटाना और उन्हें रिझाना। भजन में यह भाव भी प्रकट होता है कि जब भक्त श्याम के दरबार में आते हैं, तो वे स्वयं को भूल जाते हैं, उनकी सुध-बुध खो जाती है और वे केवल भक्ति के सागर में गोता लगाने लगते हैं।
हर भक्त अपनी-अपनी मनोकामना लेकर आता है और अपनी अर्जी लगाता है। कोई भजन गाकर, कोई नृत्य कर, कोई ध्यान में लीन होकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करता है। खाटू वाले श्याम के प्रेमी अपनी भक्ति का प्रदर्शन अलग-अलग तरीके से करते हैं, लेकिन उनका एक ही उद्देश्य होता है—अपने आराध्य को प्रसन्न करना। इस भजन में खाटू श्याम की दयालुता और कृपालु स्वभाव का भी वर्णन किया गया है। बाबा श्याम प्रेमियों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं और उनकी झोली भरने में पल भर की भी देर नहीं करते।
"लीले वाले तेरा प्रेमी देखो आये रे" भजन खाटू श्याम की महिमा का गुणगान करने वाला एक अत्यंत मधुर और भक्तिरस से ओत-प्रोत भजन है, जो हर श्याम प्रेमी के हृदय को आनंदित कर देता है। इसका हर शब्द और हर पंक्ति भक्ति और प्रेम से सजीव प्रतीत होती है, जिससे भजन गाने और सुनने वाला दोनों ही श्याम भक्ति में डूब जाते हैं।