काले काले नैना काले काले बाल
काले काले नैना काले काले बाल,
काले काले बदन पे काली कमलिया कमाल,
सज रहे फूलों में चमकता रंग काला,
बांहो के झूलो में झूलता नन्द लाला,
ऐसा रंग चढ़ा है मुझपे तेरा नन्दलाल,
काले काले बदन में काली कमलिया कमाल,
दिन में कन्हैया मेरे जैसे रात हो गयी,
सांवली सुरतिया को देख मैं सो गई,
गोधली वेला पे देखे बाल ग्वाल,
काले काले बदन में काली कमलिया कमाल,
नज़र से नज़र मिले तेरी मेरी मतवाले,
सबके खिल जाते चेहरे देख कर मुरली वाले,
गोरी गोरी गैय्या सज्जन काले गोपाल,
काले काले बदन में काली कमलिया कमाल,
श्रेणी : कृष्ण भजन
Kaale Kaale Naina Kaale Kaale Baal | Krishna Bhajan |काले काले नैना काले काले बाल | Tanu Shree Bhatt
"काले काले नैना काले काले बाल" एक सुंदर और भावपूर्ण कृष्ण भजन है, जिसमें कान्हा की सांवली सूरत और उनकी दिव्य छवि का अद्भुत वर्णन किया गया है। इस भजन को तनु श्री भट्ट जी ने अपनी मधुर वाणी में प्रस्तुत किया है, जो इसे और भी मनमोहक बना देता है। भजन में कृष्ण की अद्वितीय सुंदरता और उनके काले रंग की महिमा को बड़े ही भावपूर्ण शब्दों में उकेरा गया है।
भजन की हर पंक्ति में कान्हा के सांवले रूप की महिमा का बखान किया गया है। उनके काले नैना, काले बाल, काले बदन और काली कमलिया का उल्लेख कर भक्त उनके सौंदर्य को निहारने के लिए व्याकुल हो जाते हैं। कृष्ण के इस अद्भुत रूप की झलक पाने मात्र से भक्तों का हृदय आनंद से भर जाता है। जब कान्हा फूलों की माला से सजे होते हैं और नंदलाल के रूप में झूले में झूलते हैं, तब उनकी छवि और भी दिव्य प्रतीत होती है।
भजन यह भी बताता है कि कान्हा की सांवली छवि इतनी मोहक है कि वह दिन को रात में बदल देती है। जब भक्त उनकी इस छवि को निहारते हैं, तो वे इस संसार के मोह-माया से दूर होकर कान्हा के रंग में रंग जाते हैं। गोधूलि बेला में जब बाल ग्वाल अपने प्रिय गोपाल को निहारते हैं, तो उनका मन भी भक्तिभाव से भर उठता है।
इस भजन में कृष्ण की दृष्टि और उनकी मुरली की मधुर ध्वनि का भी उल्लेख किया गया है। जब उनके नयन किसी की नज़रों से मिलते हैं, तो वह मस्त हो जाता है, और कान्हा की एक झलक पाकर सभी भक्तों के चेहरे खिल उठते हैं। कृष्ण के रूप की छटा ग्वालों, गायों और भक्तों के लिए भी अद्भुत आनंद का स्रोत बन जाती है।
"काले काले नैना काले काले बाल" भजन श्रीकृष्ण के सांवले सौंदर्य की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के मन को राधा-कृष्ण प्रेम के रंग में रंग देता है। यह भजन सुनने और गाने मात्र से भक्त कान्हा के प्रेम में डूब जाते हैं और उनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं। जय श्री कृष्ण!