तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा
जोड़े दोनों हाथ....
खड़ा हूँ जोड़े दोनों हाथ
पड़ा हूँ दर पे झुकाए माथ
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा
जोड़े दोनों हाथ....
हारे हुए को तू जिताता
भटके हुए को राह दिखाता
तेरे होते फिर मैं क्यूं भटका
क्यूं हो गई मेरी मात
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा
जोड़े दोनों हाथ
खड़ा हूँ जोड़े दोनों हाथ
पड़ा हूँ दर पे झुकाए माथ
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा...
महिमा सुनी है जब से तेरी
हुई है मिलने की इच्छा मेरी
सुनले विनती दे दे दर्शन
मान भी ले मेरी बात
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा
जोड़े दोनों हाथ
खड़ा हूँ जोड़े दोनों हाथ
पड़ा हूँ दर पे झुकाए माथ
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा...
तुझसे कहाँ कुछ छुपा है
हाल राजीव का तुझको पता है
तेरे होते कहाँ ढूंढू सहारा
तू ही निभा जा साथ
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा
जोड़े दोनों हाथ
खड़ा हूँ जोड़े दोनों हाथ
पड़ा हूँ दर पे झुकाए माथ
तेरे आगे खड़ा हूँ कान्हा...
श्रेणी : कृष्ण भजन