ओ हारे के सहारे मै तेरा हो गया हूँ
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
चंदा सी क्या छवि है नैनों में छा गई है,
मनवा की है सुगंधी सांसों में भा गई है,
अलबेली रोशनी में अलबेला हो गया हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
तेरे धाम आ गया हूं संसार पा गया हूं,
रख लेना मुझको बाबा पूरा ही आ गया हूं,
ऐसा भी ना पता है जाग की सो रहा हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
लहरि ये प्रार्थना है चरणों में याचना है,
लहरि ये प्रार्थना है चरणों में याचना है,
गिरने लगूं तो बाबा तुझको संभालना है,
दिल के किसी कोने में बसेरा हो गया हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
ओ हारे के सहारे, मैं तेरा हो गया हूं,
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
श्रृंगार भजन - ओ हारे के सहारे मै तेरा हो गया हूँ | UMA LAHARI JI | KHATUSHYAM BHAJAN | KHATUSHYAM
श्रृंगार तेरा देखा तो तुझ में खो गया हूं” भजन खाटू श्याम के प्रति गहरी भक्ति और आत्मसमर्पण की भावना को प्रकट करता है। यह भजन उमालहरी जी द्वारा गाया गया है और इसमें भक्त का अपने आराध्य के श्रृंगार और तेजस्विता को देखकर मोहित हो जाना दर्शाया गया है। भजन में खाटू श्याम की अनुपम छवि, चंदा सी सुंदरता, और उनकी अलौकिक रोशनी का वर्णन किया गया है, जो भक्त के मन और आत्मा को पूर्णतः तृप्त कर देती है। यह गीत न केवल भक्ति की गहराई को उजागर करता है बल्कि श्याम बाबा के चरणों में समर्पण की भावना को भी जीवंत करता है। गीत में श्याम बाबा की कृपा से भक्त को नया जीवन और जागरूकता प्राप्त होती है। यह भजन श्याम बाबा की अद्भुत महिमा का बखान करते हुए भक्तों के मन को शांत और प्रफुल्लित करता है, जो इसे बेहद खास बनाता है।