मैं को मुझसे निकाल दो
जैसा रखना चाहो बाबा वैसा ही तुम राख लो,
तुमसे ही मैं तुम बिन क्या मैं इस मैं को मुझसे निकाल दो,
मोह माया मैं भटका हुआ मैं भटकता हुआ ही क्यूँ चला जाता हूँ,
चाहु जो इस दलदल से निकलना मैं फिर क्यूँ धस्ता जाता हूँ,
अज्ञानी मैं बाबा अपने ज्ञान से मुझको ढांप लो,
तुमसे ही मैं तुम बिन क्या मैं इस मैं को मुझसे निकाल दो,
मैं को मुझसे निकाल दो ..............
जैसा रखना चाहो बाबा ...............
दया दृष्टि जो तेरी हो हम पापी बाबा तर जाएँ,
देदो अपनी भक्ति तो मैला मन भक्ति से निखर जाए,
अपने नाम की जड़ी बूटी से विकार मेरे जो निकाल दो,
तुमसे ही मैं तुम बिन क्या मैं इस मैं को मुझसे निकाल दो,
मैं को मुझसे निकाल दो ..............
जैसा रखना चाहो बाबा ...............
मैं मैं करता फिरता हूँ मैं इस मैं को आपकी छाया दो,,
मैं से आप हो जाऊं मैं इस मैं को आप का साया दो,
मैं मैं ना रहूं मेरे बाबा मैं को खुद में ढाल दो,
तुमसे ही मैं तुम बिन क्या मैं इस मैं को मुझसे निकाल दो,
मैं को मुझसे निकाल दो ..............
जैसा रखना चाहो बाबा ...............
सुख हो दुःख हो सुबह शाम तेरा नाम मैं बाबा जपता रहूं,
कैसा भी हो जीवन तुझको याद मैं बाबा करता रहूं,
पुष्प आपके लिखता रहूं कविश को ये वरदान दो,
तुमसे ही मैं तुम बिन क्या मैं इस मैं को मुझसे निकाल दो,
मैं को मुझसे निकाल दो ..............
जैसा रखना चाहो बाबा ...............
श्रेणी : खाटू श्याम भजन