जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
तर्ज - कुंन जाने या माया श्याम की
सारे जग को सेठ सांवरो, यो बैठो तनखा बांटे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
एक नजर में इसको जादू, सर चढ़कर के बोले रे
बैठो ऐसे जो जादूगर, बंद किस्मत को खोले रे
एक यही दातार यही है जो,लाड लड़ावे रे
श्याम मेरो ,लाड लड़ावे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
सांवरिया के दर पर आकर बिन मांगे मिल जाता है
दुनिया में मेरे श्याम के जैसा, और नहीं कोई दाता है
बाहर पकड़ ले गिरने ना दे ,गले लगावे रे
श्याम मेरो गले लगावे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
सांवरिया खाटू में बैठयो, सबको यही बुलावे रे
हर ग्यारस को सुने मुकदमा, अपना हुकुम सुनावे रे
भक्तों को रे हां कर दे तू नाच नचावे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
सारे जग को सेठ सांवरो , यो बैठो तनखा बांटे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
सारे जग को सेठ सांवरो , यो बैठो तनखा बांटे रे
जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे
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श्रेणी : कृष्ण भजन