ज्यादा उड़ने वालों के पर यह काट देता है
तर्ज - उस बांसुरी वाले की
कलयुग का है देव निराला,
सारे जग का है यह रखवाला
गर खुश हो जाए सांवरा, हर ठाट देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
गर खुश हो जाए,
दर इसके प्यार से आना, श्रद्धा से शीश झुकाना
देखेगा नजरे भर के, भर देगा तेरा खजाना
दुखियों को धन और दौलत से यह बांट देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
गर खुश हो जाए,
लीले घोड़े की सवारी, कलयुग का यह अवतारी
इसको ना अकड़ दिखाना,
तेरी अकड़ निकल जाए सारी
तीनों लोगों की दौलत को यह बांट देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
गर खुश हो जाए,
ऐसा है लखदातारी, खाटू नगरी इस प्यारी
बेधड़क मना ले इसको, बन करके मधुर पुजारी
बन करके साथी भक्तों का यह साथ देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
गर खुश हो जाए,
गर खुश हो जाए सांवरा, हर ठाट देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
ज्यादा उड़ने वालों के पर ,यह काट देता है
गर खुश हो जाए,
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श्रेणी : खाटू श्याम भजन