झांक लो जाकर अपने मन में
ढूंढ लो जाकर पूरे जग में, कहीं नहीं मिल पाएंगे।
झांक लो जाकर अपने मन में, महादेव मिल जाएंगे।
काम तेरा होता जाएगा, काम वह करते जाएंगे।
भोलेनाथ को जपने वाले, हार कोई ना पाएंगे।
शंभू माहेश्वराय शंभू। पिनाकी शशि शेखराया
वामदेवाय, महादेवाय शंभू।
महादेवा महादेवा वसिया कहां तुम महादेवा।
पहाड़ा ढूंढा तुझे, दिखियां कहीं नहीं महादेवा।
बस एक नाम है ओम जपले, अंधेरे मिट जाएंगे।
शंभू है शिव अंबर से बाहर भी दिख जाएंगे।
बस एक नाम है ओम जपले, अंधेरे मिट जाएंगे।
शंभू है शिव अंबर से बाहर भी दिख जाएंगे।
दूर को करते हैं उदासी। वह निवासी है कैलाशी।
दूर-दूर तक देख रहे हैं, आंख मूंद कर वह सन्यासी।
आएंगे भोले फिर यह जो शून्य हो जाएंगे।
भोलेनाथ के ध्यान में जाकर शंभू शंभू गाएंगे।
ढूंढ लो जाकर पूरे जग में, कहीं नहीं मिल पाएंगे।
झांक लो जाकर अपने मन में, महादेव मिल जाएंगे।
काम तेरा होता जाएगा, काम वह करते जाएंगे।
भोलेनाथ को जपने वाले, हार कोई ना पाएंगे।
यह भी देखें : देवों में है सबसे बड़ा महाकाल डमरू वाला
श्रेणी : शिव भजन