दीनबंधु दीनानाथ मेरी शुध लीजिए
मेहर करो जन के सुख राशि
सावल सा खाटू के वासी
प्रथम शीश चरणों में नाऊं,
कृपा दृष्टि थारी चाहूं, कृपा दृष्टि थारी चाहूं
दीनबंधु दीनानाथ मेरी शुध लीजिए
आया है तूफान नैया पार कर दीजिए..x2
दास हूं पुरानो तेरो श्याम सरकार में
तेरे ही भरोसे छोड़ी नाव मझधार में
ध्वजा बंद धारी घनी, देर मत कीजिए
आया है तूफान नैया पार कर दीजिए
बाकी सी लटक में अटक गया प्राण है
तू ही मोटा सेठ मेरा तू ही जजमान है
प्रीत की पुकार यही प्रेम रस दीजिए
आया है तूफान नैया पार कर दीजिए
बंसी को अधरों से लगाओ,
मीठी सी एक तान सुनाओ
मान लो इतनी अरज हमारी,
देखो ना इतना तरसाओ
बांसुरी में तेरी चित चोर लियो मेरो है
चरण के माही थारो दास को बसेरो है
मेरी यह पुकार दिलदार सुन लीजिए
आया है तूफान नैया पार कर दीजिए
श्याम बहादुर शिव श्याम को गुलाम है
हाजिरी बजानो और मनानो मेरो काम है
प्रीत दे दया की मेरी झोली भर दीजिए
आया है तूफान नैया पार कर दीजिए
श्याम श्याम भजो बारंबारा ,
सहज ही हो भवसागर पारा
इन सम देव ना दूजा कोई
दिन दयालू दाता होई...
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श्रेणी : खाटू श्याम भजन