चरणो में तेरे बाबा होवे मेरा ठिकाना
चरणों में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना,
जब तक जियूँ जहां में, सेवा में मन लगाना,
चरणो में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना...
तेरे नाम से जुड़ी हो, हर एक बात मेरी,
दिन बीते साधना में, कीर्तन में रात मेरी,
मेरे मन के मठ में तेरा, निशदिन हो आना जाना,
जब तक जियूँ जहां में, सेवा में मन लगाना,
चरणो में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना...
तेरे दरश की बाबा, ये प्यास बुझ ना पाए,
चिंगारिया तड़प की, नित और बढ़ती जाए,
दीवानगी हो इतनी, पागल कहे जमाना,
जब तक जियूँ जहां में, सेवा में मन लगाना,
चरणो में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना...
दो ताज या फकीरी, दोनों ही है तुम्हारे,
किस बात का है डरना, जब साथ श्याम प्यारे,
‘सुरभि’ ‘किशन’ का तुमसे, रिश्ता बड़ा पुराना,
जब तक जियूँ जहां में, सेवा में मन लगाना,
चरणो में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना...
चरणों में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना,
जब तक जियूँ जहां में, सेवा में मन लगाना,
चरणो में तेरे बाबा, होवे मेरा ठिकाना...
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श्रेणी : खाटू श्याम भजन