श्यामधणी सु लगन लगाले
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे
श्यामधणी सु लगन लगाले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे,
बिगड़ी बनावे अपना भगत की,
बिगड़ी बनावे अपना भगत की,
श्याम पे बाजी छोड़ दे,
श्याम धनी सु लगन लगा ले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे....
ऐसो दयालु कहां मिलेगो,
खाटू माही बिराजे रे,
खाटू माही बिराजे रे,
शीश को दानी सुने है सबकी,
श्रद्धा भाव सु मना जे रे,
श्रद्धा भाव सु मना जे रे,
भाव को भूखो बैठो बाबो,
प्रीत या साची जोड़ दे,
श्याम धनी सु लगन लगा ले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे....
दर सु कोई जाए ना खाली,
झोली सबकी भरावे रे,
झोली सबकी भरावे रे,
मन की सारी पूरी कर दे,
जो भी अर्ज लगावे रे,
जो भी अर्ज लगावे रे,
खाटू वालो श्याम है सांचो,
यो कष्टा का रुख मोड़ दे,
श्याम धनी सु लगन लगा ले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे....
पावन कर ले अपने मुख ने,
नाम श्याम को गाले रे,
नाम श्याम को गाले रे,
झूठो सारो जगत झमेलों,
शरण श्याम की पा ले रे,
तू शरण श्याम की पा ले रे,
'राकेश' शरण श्याम की ले ले,
'सुरभि' तू चिंता छोड़ दे,
श्याम धनी सु लगन लगा ले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे....
श्यामधणी सु लगन लगाले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे,
बिगड़ी बनावे अपना भगत की,
बिगड़ी बनावे अपना भगत की,
श्याम पे बाजी छोड़ दे,
श्याम धनी सु लगन लगा ले,
चिंता फिकर सारी छोड़ दे....
यह भी देखें : श्याम बाबा तेरे पास आया हूँ लिरिक्स
श्रेणी : खाटू श्याम भजन