राधा के दिल में मोहन की बस्ती जान
छीन ले रे क्यों नैनों से और प्राण
राधा के दिल में मोहन की बस्ती जान
बंसी बजावे रास रचावे गोपियों के साथ
मोहन क्यों तेरी मुरली मो हे सुने अब दिन रात
सारे जब जीत जाऊं मांगू तेरे आगे हार
राधा का प्यार हो तुम प्यार
तुम ही हो मेरा श्रृंगार
हो वृन्दावन में झूमे गावे
हो गोपियों के संग रास रचावे
आजा मोहन अखियाँ दरसन को तरसी
प्रेम की बारिश है ब्रज में आज बरसी
नज़रों में बसते हो तुम कन्हैया
मार ही डालते जब हंसते हो कन्हैया
देखे बिन तुमको चैन ना आवे
कमरिया पर बांसी जब लागत हो कन्हैया
मुस्कानिया के आगे तेरी सारे गम है पार
कैसे बताओ छलिया मोहे तुझ से कितना प्यार
सारे जग से जीत जाऊं मांगू तेरे आगे हार
जिसके आगे मेरा विवाह वो तुम हो राधा
होगी पहचान मेरी तुमसे ही ये वादा
एक ही हैं हम दो कहाँ हैं
नाम जहाँ राधे का, वहाँ कृष्ण सदा हैं
तेरे लिए मैं ले लूंगा एक जन्म सौ बार
ये भी गर काम पड़े तो लेलुं माई हजार
जिसके आगे मेरा विवाह वो तुम हो राधा
होगी पहचान मेरी तुमसे ही ये वादा
एक ही है हम दो कहाँ हैं
नाम जहां कृष्ण का वहा राधा सदा है
तेरे लिए मैं ले लूँगा इक जन्म सौ बार
ये भी गर काम पड़े तो ले लुन माई हजार
सारे जग से जीत जाऊं मांगू तेरे आगे हार
कान्हा का प्यार हो तुम प्यार
कान्हा का प्यार हो तुम प्यार
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श्रेणी : कृष्ण भजन