वृंदावन में रास रचावे गोवर्धन गिरधारी
वृंदावन में रास रचावे गोवर्धन गिरधारी
आ गए सारे गोप ग्वाले, आ गई गोपिया सारी
देखो देखो कान्हा की, यह रंग भरी पिचकारी
रंगों में रंगने तो देखो, आ गई श्यामा प्यारी
होली खेल रहे गिरधारी
होली खेल रहे गिरधारी...x4
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोलो
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोलो
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोलो
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोलो
ओ होली खेल रहे गिरधारी
छोड़ो कान्हा मेरी कलाई, लाज न आवे तो है
लाज न आवे तो है
लाज न आवे तो है
सारी सखियां देख रही है, क्यों तड़पावे मोहे
क्यों तड़पावे मोहे
क्यों तड़पावे मोहे
आज ना छोड़ू बैया तोरी, क्यों रोक तु मोहे
क्यों रोक तु मोहे
क्यों रोक तु मोहे
तुझको रंग लगाकर छोड़ूं, रोक सके जो रोके
रोक सके जो रोके
रोक सके जो रोके
प्रेम के रंग में मोहे रंग दे ,मेरे बांके बिहारी
ओ होली खेल रहे गिरधारी...x4
लाल गुलाल है राधा लाई, सबके मन हरसाए
सबके मन हरसाए
सबके मन हरसाए
नंदलाल भी लाल हो गए, सबके मन को भाये
सबके मन को भाये
सबके मन को भाये
बृजवासी मस्ती में नाचे, बाजे ढोल नगाड़े
हम तो हो गए कान्हा के और कान्हा है हमारे
कान्हा है हमारे
कान्हा है हमारे
रास रचावे मोहन के संग, वृषभानु की दुलारी
ओ होली खेल रहे गिरधारी
ओ होली खेल रहे गिरधारी...x8
यह भी देखें : तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान
श्रेणी : कृष्ण भजन