हर हर महादेव शम्भू हमारे
जो किस्मत जगत की बनती है सारे-2
तो क्यों ना चलें हम उन्हें पुकारें
यही मंत्र जपते हैं ऋषि संत सारे-2
हर हर महादेव शम्भू हमारे-3
तेरा नाम लिया मिलि हृदय को शांति
प्राण सफर में भोले हैं साथी
भोले के भाँति मैं नाचूँ अभी
बिन जयघोष हमें नींद ना आती
नाम लिया मिलि दास को शांति
प्राण सफर में भोले हैं काफी
भोले के गाती है गीत ज़ुबान
नीलकंठ मेरे कंठ पे हावी
पशु तेरे वी पंछी ये, तेरी डगर का पंथी मैं
प्रथम आस तू, अंतिम है, तू तारक है, हम बंधी है
देखूं मैं शिंगार तेरा होके मगन हां वैसे
जैसे महाकाल को देख रहे हैं सामने नंदीदेव
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अंतरा-1
सुबह शाम जो शिव का नाम पुकारे
ना छोड़े उसे शंकर कभी सहारा हो
इक बार जाए जो भी गंगा नहाए
पाप सभी उसके शिव में समाये
यही मंत्र जपते हैं ऋषि संत सारे
बात सुनो देवदि देव, आज खड़ा ले पापी देख
पाप करम की झाँकी देख और कहूँ क्या बाकी मैं
व्यथा तुम्हीं से बनती है, साँसें तुम्हीं से आती है
लोपकपाल तेरे साथ बिना, कथा दास की कथा है
कथा अपनी जानी है, नैनों में क्यों पानी है
दास आपका भिक्षु है, प्रभु आप तो दानी हैं
भिक्षु ने कुछ मांगा है, मिलने को मैं निकल गया
करना ना इंकार मुझे 'गर मिलने की मैंने ठानी है।'
अंतरा-2
कहा आज तक तू भटकता था प्यारे
सुन ले प्रभु की महिमा जो दुख से उभारे
ढोंग प्रपंच शिव को तनिक न भावे
तो क्यों उन महाशिव को ढोंग दिखाये
एक बेलपत्र से जो खिंचे चले आवे
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श्रेणी : शिव भजन