फागण की ग्यारस पे बाबो अजब ही माया ढावे
फागणिये का मेला आया उमड़ी भीड़ अपार
सिंहासन पर सजकर बैठ्या खाटू का सरदार
फागण की ग्यारस पे बाबो अजब ही माया ढावे
दिन में रंग चढ़े होली को रात दिवाली मनावे
बोलो खाटू नरेश की जय..........
आयो मेलो बाबे को मैं खाटू नगरी जावांगा
मन में लाडू फूट रया है श्याम का दर्शन पावांगा
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू जाकर भोग लगावांगा
आयो मेलो बाबे को .............
रूप निराला श्याम धणी को बहुत ही प्यारो लागे है
श्याम दरस की प्यासी अँखियाँ इनकी प्यास बुझावाँगा
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू जाकर भोग लगावांगा
आयो मेलो बाबे को .............
भीड़ मोकळी होवण लागी अब तो खाटू नगरी में
टाबरिया की पकडे आंगली मेले माये घुमावांगा
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू जाकर भोग लगावांगा
आयो मेलो बाबे को .............
यादडली सतावे उनकी जो बाबा का प्रेमी है
मेले माये सब मिल जावां श्याम से मिलकर आवाँगा
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू जाकर भोग लगावांगा
आयो मेलो बाबे को .............
यह भी देखे : रंग मत डारे रे सांवरिया लिरिक्स
श्रेणी : खाटू श्याम भजन