तेरी नज़रो से नज़र को मिलाया जी कहे
तेरी नज़रो से नज़र को मिलाया
जी कहे देखता रहूं
तू है इस कलयुग का राजा तू ही शीश का दानी
मन कहता है श्याम तेरे नैनो पे लिखू कहानी
तेरे बाद ना कोई कभी मुझको भाया
जी कहे देखता रहूं
तेरी मैं सुंदरता बयां करू कैसे
गगन में जैसे चंदा है लगते हो वैसे
छवि तेरी देख ले जो तेरा हो जाये
तेरे प्रेम के सागर में वो तो खो जाए
कितना प्यारा कितना अच्छा
तेरा दर है कितना सच्चा
सुना है तीनो लोको में ना है तेरा कोई सानी
मन कहता है श्याम तेरे नैनो पे लिखू कहानी
तेरी माया कोई जान न पाया
जी कहे देखता रहूं
कहाँ से मैं शुरू करूँ समझ नहीं आये
लिखने को तारीफ़ तेरी शब्द ना मिल पाए
जब देखूं एक अलग सा रंग ही मिलता है
जैसे इतने फूलों में कमल अलग ही खिलता है
खुशबू ऐसी जो मन भाये तुमसा दूजा नज़र ना आये
प्रेम में तेरे कभी कभी तो बहता आँख से पानी
मन कहता है श्याम तेरे नैनो पे लिखू कहानी
तेरी माया कोई जान न पाया
जी कहे देखता रहूं
आते ही तेरे दर पे धीरज मिलता है
हर दिल का मुरझाया उपवन खिलता है
भरके नज़र जो देखे हो जाए दीवाना
मुश्किल है तुमपे कोई लिखना अफसाना
क्या क्या लिखू समझ ना आये
देख के तू मुझे मुस्काये
हो ना सके जो करने चला हूँ मैं पागल नादानी
मन कहता है श्याम तेरे नैनो पे लिखू कहानी
अब कहीं जाके मुझको समझ में है आया
जी कहे देखता रहूं
श्रेणी : खाटू श्याम भजन