श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता
तर्ज - कौन सुनेगो
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता,
देर भले है अंधेर नहीं है,
खबर से की लेवे सदा आता जाता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
नानीबाई को भांत भरयो सांवरो,
विष ने अमृत करयो यो मेरो सांवरो,
ऐ की दया की कोई छोर नहीं है,
यो ही तो है सबको भाग्यविधाता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
जिंदगी एक बार मोड़कर देखले,
तार से तार तू जोड़कर देखले,
मस्ती मिलेगी ऐसी कल्पना के बाहर,
प्रेमियों को कान्हा गले से लगाता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
श्याम ही अपना तन मन धन,
श्याम बिना नीरस जीवन,
रस का स्त्रोत श्याम सुमिरण,
करते रहो नाम चिंतन,
धीरे धीरे दुरी घटती रहेगी,
महसूस होगा ये पास आता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
जब तक कुछ आवास ना हो,
समझो कुछ भी मिला नहीं,
सेवा में है कमी कहीं,
किस को किसी से गिला नहीं,
अनदेखी कान्हा करता ही रहता,
सांवरे को सेवक दुखी ना सुहाता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
आमने सामने जब बैठो,
फिर तो कोई बात बने,
सूर्य शाम जैसे मिलते,
अपनी भी मुलाकात बने,
आपस में कुछ भी कहेंगे सुनेंगे,
ना जाने कितनी बीतेंगी राता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता,
देर भले है अंधेर नहीं है,
खबर से की लेवे सदा आता जाता,
श्याम ने सुणा दे तेरे मन की बाता।।
श्रेणी : खाटू श्याम भजन