शिव अमृतवाणी
प्रथम गुरु को वंदना
दूजे आदि गणेश
टीजे माता शारदा
कंठ करो प्रवेश
ओ माता कंठ करो प्रवेश
भोले नाथ कैलाश पति
हे नथो के नाथ
कृपा दृष्टि दरियो
राखियो सिर पे हाथ ओ भोले
भोले नाथ कैलाश पति
हे नथो के नाथ
कृपा दृष्टि दरियो
राखियो सिर पे हाथ ओ भोले
भोले की महिमा सुनो
भक्त लगाके कान
श्रद्धा सुमन छडीए
रख चरणन में ध्यान ओ भोले
श्रीष्टि का करता वही
रहता है कैलाश
मान से ध्यान लगाओगे
पौगे अपने पास ओ भोले
भोले तेरे धाम पे
जीवन देयू बीताए
जीवन सच्चा सुख मिले
जानम सफल होई जाए ओ भोले
शीश पे गंगा सोहे रही
माथे चंद्रा बसाए
नाग लपेटे कंठ में
टन पे भभूति रमाय ओ भोले
नमन करू मैं आपको
श्रीष्टि के भूपाए
दुखड़े सारे काटिए
संकट डीजे ताल ओ भोले
धान्या धान्या है हम सभी
दर्शन तेरा पाए
जानम जानम की कामना
धाम तेरा मिल जाए ओ भोले
धाम तेरा मिल जाए
अर्ध नारीश्वर तुम्ही
शक्ति के आधार तुम्ही
भक्तो पे कृपा करे
बाते अपना प्यार ओ भोले
बाते अपना प्यार
शिव नागरी में जो बसे
वो नर नार महान
अपने आप ही मिल गया
मुक्ति का वरदान ओ भोले
मुक्ति का वरदान
एक भोले के नाम से
व्याधा सब काट जाए
कोटि जानम की आपदा
नाम लिए ताल जाए ओ भोले
नाम लिए ताल जाए
श्रेणी : शिव भजन