मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
जब प्रह्लाद ने तुम्हें पुकारा
जब प्रह्लाद ने तुम्हें पुकारा
खम्बे से निकले मुरारी, मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
जब अर्जुन ने तुम्हें पुकारा
जब अर्जुन ने तुम्हें पुकारा
गीता ही रच दी सारी, मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
जब द्रौपदी ने तुम्हें पुकारा
जब द्रौपदी ने तुम्हें पुकारा
बढा दी सभा में साडी, मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
जब मीरा ने तुम्हें पुकारा
जब मीरा ने तुम्हें पुकारा
दिखी विष में छवि तुम्हारी, मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
जब नरसिंह ने तुम्हें पुकारा
जब नरसिंह ने तुम्हें पुकारा
भर दिया भात गिरधारी, मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
मेरी सुन लो पुकार गिरधारी मैं बुला बुला कर हारी
श्रेणी : कृष्ण भजन