भक्त खड्या दरबार में बाबा तेरे सामने
भक्त खड्या दरबार में,
बाबा तेरे सामने,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी,
काई घट जासी रे बाबा,
काई घट जासी,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी......
दूर दूर से सेवक बाबा,
आस लगाकर आया,
झोली भरसी सेठ सांवरो,
खाली झोली ल्याया,
खाली झोली ल्याया,
थे हो लखदातार जी,
मत करियो इंकार जी,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी......
ताले भीतर माल मेलकर,
नज़र घुमाकर बैठ्यो,
या देने की नीत नहीं है,
क्यों शरमा कर बैठ्यो,
क्यों शरमा कर बैठ्यो,
साँची साँची बोलो जी,
माल खजानो खोलो,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी......
आज तेरे दरबार से बाबा,
लेकर के ही जास्या,
सौंप दे चाबी सेठ सांवरा,
वरना लूट मचास्या,
वरना लूट मचास्या,
बनवारी के सोच रह्यो,
सबका दिल ने तोड़ रयो,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी......
भक्त खड्या दरबार में,
बाबा तेरे सामने,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी,
काई घट जासी रे बाबा,
काई घट जासी,
ओ बाबा खोल दे भण्डारो,
तेरो काई घट जासी......
श्रेणी : खाटू श्याम भजन