फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम
फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम,
लागी रट चहुँ दिशी श्यामा श्याम,
श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम,
श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम।।
मोरहु बनइयो तो, बनइयो वृंदावन को,
मैं नाच नाच कूक कूक, तुम्हीं को रिझाऊंगो,
बंदर बनइयो तो, बनइयो सेवा कुंज को,
मैं कूद कूद फांद वृक्ष, जोरन दिखाऊंगो,
मोहे भिक्षुक बनइयो तो, बनइयो राधा कुंड को,
मैं मांग मांग टूक, बृज वासिन के खाउंगो,
मोहे रसिक बनइयो तो, बनइयो बरसाने को,
मैं आठों याम श्यामा श्याम,
श्यामा श्याम गाऊंगो।
फूलन सो फूल रह्यो वृंदावन धाम,
लागी रट चहुँ दिशी श्यामा श्याम।।
फूलन की चंद्रकला, शीशफूल फूलन के,
फूलन के झुमका, श्रवण सुकुमारी के,
फूलन की बंधनी, विशाल नव फूलन की,
फूलन को बिन्दा भाल, राजत दुलारी के,
फूलन की चंपकली, हार गल फूलन के,
फूलन के गजरा, ललित कर प्यारी के,
फूलन की पग पायल, फूलन सुहाग सदा,
फूलन सुहाग मेरी, श्यामा प्यारी के,
फूलन सुहाग मेरी, लाडली प्यारी के।
फूलन सो फूल रह्यो वृंदावन धाम,
लागी रट चहुँ दिशी श्यामा श्याम।।
कीरत सुता के पग पग पे, प्रयाग यहाँ,
केशव के केल कुंज, कोटि कोटि काशी है,
जमुना में जगन्नाथ, रेणुका में रामेश्वर,
तरु तरु पे यहाँ, अयोध्या निवासी है,
जहाँ गोपीन के द्वार द्वार, द्वार पर है हरिद्वार,
बद्री केदारनाथ, बसे दास दासी है,
स्वर्ग अपवर्ग व्यथा, लेकर करेंगे क्या,
जानते नहीं हो हम, वृंदावन वासी है,
जानते नहीं हो हम, वृंदावन वासी है।
फूलन सो फूल रह्यो वृंदावन धाम,
लागी रट चहुँ दिशी श्यामा श्याम।।
जाओ जिसे जाना हो, हिमालय तप करने को,
शीघ्र जाओ जिसे प्यारी, गंगा जल धारा हो,
जाकर गुफाओं में,योगासन लगाओ खूब,
करले प्रयत्न जहाँ, जिसका गुजारा हो,
धूनी पंचाग्नि जगाए, जिसे तापनी हो,
अरे होता उद्धार यदि, हठयोग द्वारा हो,
मैं तो यही चाहती हूँ, वृंदावन कुंजन में,
मैं हूँ अकेली और, सांवरा हमारा हो,
मैं हूँ अकेली और, सांवरा हमारा हो।
फूलन सो फूल रह्यो वृंदावन धाम,
लागी रट चहुँ दिशी श्यामा श्याम।।
फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम,
लागी रट चहुँ दिशी श्यामा श्याम,
श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम,
श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम।।
श्रेणी : कृष्ण भजन