ओ सांवरिये सरकार मेरी नाव पड़ी मजधार
तर्ज – ना कजरे की धार
ओ सांवरिये सरकार, मेरी नाव पड़ी मजधार,
और टूट गई पतवार, किनारे नैया कर दो ना,
लहरों के श्याम थपेड़े, मेरी नाव ना सहने पाए,
ओ चिर बढ़ाने वाले, क्यों ना हाथ तेरे बढ़ पाए,
मेरी नैया ओ खिवैया, अब कर दो भव से पार ,
ओ सांवरिये सरकार, मेरी नाव पड़ी मजधार,
और टूट गई पतवार, किनारे नैया कर दो ना,
इस वक्त में मेरे मोहन, कोई भी काम ना आए,
गर तू चाहे तो बाबा, मेरी नाव भवर ना जाए,
है हवाले अब बचाले, ना कर देना इंकार,
ओ सांवरिये सरकार, मेरी नाव पड़ी मजधार,
और टूट गई पतवार, किनारे नैया कर दो ना,
स्वार्थ के इस जग में, किससे है किसकी यारी,
मैं क्या जानू अब मोहन, क्या होती रिश्तेदारी,
‘ओम’ ऐसा श्याम जैसा, ना कोई पालनहार,
ओ सांवरिये सरकार, मेरी नाव पड़ी मजधार,
और टूट गई पतवार, किनारे नैया कर दो ना,
ओ सांवरिये सरकार, मेरी नाव पड़ी मजधार,
और टूट गई पतवार,किनारे नैया कर दो ना,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन