मन में हो उलझन आकर सुना दो
मन में हो उलझन आकर सुना दो
हाथ जोड़ कर बस ज्योत जगा लो
भक्ति से बस काम बने, न काम बने कोई खर्चे ते
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
इनके नाम से चलें सरकारें
जितने भी चौधरी शीश झुका रे
इनके जैसे मिले कोई ना गूगल पे भी सर्च ते
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
जब कोई नहीं सुनता ये करके दिखाते
मूर्ख हैं कुछ फिर भी इठलाते
करता फैसला तुरंत ही ये ना दबते पर्चे हैं
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
इनकी दया शर्मा लिख पाता
कदम कदम मेरा साथ निभाता
बिगड़ी का बस है एक सहारा काम जहाँ बनते हैं
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
दूर दूर तक सुनलो जी मेरे श्याम के चर्चे है
श्रेणी : खाटू श्याम भजन