तीनो लोक में गूंज रही जयकारों की आवाज
तीनो लोक में गूंज रही जयकारों की आवाज,
मात भवानी दुर्गा रानी कण-कण तेरो राज बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी रात है जगराता दी,
प्रेम से बोलो जय माता दी,
सारे बोलो जय माता दी,
मिलकर बोलो जय माता दी,
सब मिल बोलो जय माता दी,
आदि शक्ति मैया रानी का तीनो लोक में हो बंदन,
ऋषि मुनि नर नारी देवता मैया का करते अर्चन,
जो जयकारे मां के लगाए मां ममता बरसाती है,
आंचल के साए में उसको हर बाधा से बचाती है,
अपने भक्तों की मां जगदंबा रख लेती है लाज,
मात भवानी दुर्गा रानी कण-कण तेरो राज बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी रात है जगराता दी,
ऊंचे पर्वत डेरा है तेरा जहां बसेरा है,
तुम जग जननी मां अंबे,
आदि शक्ति मां जगदंबे,
भक्तों का उद्धार करें दुष्टों का संहार करें,
अपनी शरण जब लेती है ,विपदा मां हर लेती है,
तीनो लोक में गूंज रही जयकारों की आवाज,
मात भवानी दुर्गा रानी कण-कण तेरो राज बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी रात है जगराता दी,
करने दो कल्याण जगत का मैया ने अवतार लिया,
अपने भक्तों की रक्षा की है दुष्टों का संहार किया,
अपनी ज्योति से मैया जी ने अंधियारों का नाश किया,
भक्तजनों के हृदय में महारानी वैष्णो ने बास किया,
शरणागत के महारानी ने बिगड़े बनाए काज,
मात भवानी दुर्गा रानी कण कण तेरा राज,
बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी रात है जगराता दी,
तीनो लोक में गूंज रही जयकारों की आवाज,
मात भवानी दुर्गा रानी कण-कण तेरो राज बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी रात है जगराता दी,
श्रेणी : दुर्गा भजन