रिंगस की नगरी में खाटू का डंका बजता है
रिंगस की नगरी में, खाटू का डंका बजता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा है,
खुद की नजरों से देख लो, बाबा कितना प्यारा है,
खाली झोली मेरा बाबा सबकी भरता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
रिंगस की नगरी में, खाटू का डंका बजता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
एक बार निशान उठाकर आओ खाटू नगरी में,
सारी विपदा टल जाएगी कष्ट रहे ना डगरी में,
श्याम धनी से मिलने का जी सबका करता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
रिंगस की नगरी में, खाटू का डंका बजता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
जो भी मन में चाहत है आकर सभी बताना तुम,
श्याम रंग में रंग जाओ श्याम दीवाना बनकर तुम,
मेरा बाबा बड़ा दयालु दुख को सारे हरता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
रिंगस की नगरी में, खाटू का डंका बजता है,
जी करें मेरा यही रहूं मैं, मन बड़ा लगता है,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन