कुछ है तेरी मजबूरी कुछ मेरी मजबूरी राम
कुछ है तेरी मजबूरी कुछ मेरी मजबूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम ॥
चलते चलते उमर कटी बस लगा रहा आना जाना,
आना जाने की उलझाना मे फिर ना तुम भटकाना,
बार बार आने जाने की ये कैसी दस्तूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम ॥
यही निवदन आना है तो इसी रास्ते से आना,
आँखे चाह रही है तेरा बार बार दर्शन पाना,
चरनामृत से बढ़कर कोई,
चरना मृत से बढ़कर कोई क्या देगा कस्तूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम ॥
पता नही किस कारण राही अपने जैसा लगते हो
पता नही कहा देखा है तुम्हे शायद
कही तुम्हे देखा है शायद सपने जैसे लगते हो
गौरंगी अंतिम दर्शन लगता है बहुत ज़रूरी राम
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम ॥
कुच्छ है तेरी मजबूरी कुच्छ मेरी मजबूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम,
हम दोनो जब मजदूरे तो फिर कैसी मजदूरी राम ॥
श्रेणी : राम भजन