कोई तो लाया कंगन पायल कोई सोने का हार
कोई तो लाया कंगन पायल कोई सोने का हार,
में श्रद्धा के फूल हूं लाया कर लो मां स्वीकार,
तेरी भी शान बढ़ जाएगी, मेरा भी मान रह जाएगा....
ऊंची तेरी शान है माता ऊंचा रुतबा तेरा है,
तुझको क्या मैं दे सकता हूं क्या वजूद मेरा है,
छोटी सी इस भेंट में मैया छुपा है मेरा प्यार,
में श्रद्धा के फूल हूं लाया कर लो मां स्वीकार,
तेरी भी शान बढ़ जाएगी, मेरा भी मान रह जाएगा.....
थोड़ा लेकर ज्यादा देना तेरी रीत निराली मां,
सबपर कर दी मेहर तू मैया तू है महरो वाली
मां ना चढ़ाऊं सोना चांदी ना करूं अहंकार,
में श्रद्धा के फूल हूं लाया कर लो मां स्वीकार,
तेरी भी शान बढ़ जाएगी, मेरा भी मान रह जाएगा.....
बड़े-बड़े जो दानी देखे तेरे दर पर आते हैं,
भरते हैं जो तेरे भंडारे तुझसे ही मांग कर खाते हैं,
झूठ दिखावा तेरे दर पे करना है बेकार,
में श्रद्धा के फूल हूं लाया कर लो मां स्वीकार,
तेरी भी शान बढ़ जाएगी, मेरा भी मान रह जाएगा......
तेरी दया से ही मेरी माता चलते सिक्के खोटे हैं,
लक्खा वही बुलंद तो रहते लाल तो जिनके छोटे हैं,
सागर तुझको नमन है करता मैया बारंबार,
में श्रद्धा के फूल हूं लाया कर लो मां स्वीकार,
तेरी भी शान बढ़ जाएगी, मेरा भी मान रह जाएगा....
श्रेणी : दुर्गा भजन