हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में
लगे ना रस कोई दुबई अमेरिका लंदन जाने में,
हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में,
बरसाने की शान निराली ऊंची बनी अटारी,
जहां बिराजे जय जय श्री राधा हरिदास दुलारी,
राधा राधा रटते फिरते रहे जमाने में,
हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में,
कृपा मई है तभी तो हम जैसों को भी अपनाया,
करुणा करके देखो हमको अपने द्वार बुलाया,
मिलेगा सब कुछ नहीं है कोई कमी खजाने में,
हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में,
रासेश्वरी रसिक रखवारी रस रानी है राधा,
इनकी शरण मात्र से मिट जाती है सारी बाधा,
जीवन का है सार नाम श्री राधा गाने मे,
हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में,
कोई काल कोई भी युग हो कोई भी मन्वंतर,
गोविंदा गुणगान तुम्हारा गाता रहे निरंतर,
है राजेश परमधन राधा नाम लगो कमाने में,
हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में,
लगे ना रस कोई दुबई अमेरिका लंदन जाने में,
हम श्री जी के दिवाने मन लागे बरसाने में,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन