आज की रात रूक जाना गजानन
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हमने दुअरिया पे पालकी सजाई,
पालकी सजाई उसमे आसन लगाया,
हमने दुअरिया पे पालकी सजाई,
पालकी सजाई उसमे आसन लगाया,
आसन पे आए बिराजो, गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हमरी नगरिया में दूर्वा लगी है
दूर्वा लगी है बहुत ही खड़ी है,
हमरी नगरिया में दूर्वा लगी है,
दूर्वा लगी है बहुत ही खड़ी है,
आकर के भोग लगाओ गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हाथ जोड़ बप्पा विनती करती हूँ,
विनती करती हूँ, बप्पा पैया पड़ती हूं,
आकर के दर्श दिखाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आप के लिए मैंने मोदक बनाए,
मोदक बनाए मैंने लड्डू बनाए,
आकर स्वाद बताना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
श्रेणी : गणेश भजन