तेरे फूलों से भी प्यार तेरे काँटों से भी प्यार
तेरे फूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
चाहे सुख दे या दुख,
चाहे ख़ुशी दे या ग़म,
मालिक जैसे भी रखोगे,
वैसे रह लेंगें हम,
चाहे काँटों के दे हार,
चाहे हरा भरा संसार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
हमको दोनों हैं पसंद,
तेरी धूप और छाँव,
दाता किसी भी दिशा में ले चल,
जिंदगी की नाँव,
चाहे हमें लगा दे पार,
चाहे छोड़ हमको मझधार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरी मर्जी में विधाता,
कोई छुपा बड़ा राज़,
दुनियाँ चाहे हमसे रूठे,
तू ना होना बस नाराज़,
तुमको नमन है बारमबार,
हमको कर ले तू स्वीकार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
हमपे किरपा ये करना,
तुमसें बनी रहे प्रीत,
मेरी श्रद्धा ना डोले,
चाहे सब हो विपरीत,
तेरा हितकारी है प्यार,
तुम ही हो जीवन का सार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
हमसे छीन ले तू सब,
पर दे भक्ति दान,
बाकी फ़ीके सुख सारे,
झूठी है ये तन की शान,
तुम ही जीवन के अधार,
तुम ही मेरे हो सरकार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
तेरे फ़ूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार,
तू जो भी देना चाहे दे दे,
मेरे सरकार.........
श्रेणी : कृष्ण भजन