खड़ी खड़ी गोरा मनाए रही शिव को
खड़ी खड़ी गोरा मनाए रही शिव को
ओम नाम रटके रिझाये रही शिव को
सोने के लोटा में गंगाजल पानी
उचक उचक गोरा निलाए रही शिव को
बागों से जाकर के फूल ले आई
गुथ गुथ माला पहनाए रही शिव को
बागों से जाकर गौरव बेल पाती लाई
ओम नाम लिखकर चढ़ाई रही शिव को
जंगल से जाके गोरा भांग तोड़ लाई
पीस पीस भंगिया पिलाए रही शिव को
मंदिर में जाकर गोरा ढोलक ले आई
ढोलक ले आई मजीरा ले आई
नाच नाच गोरा मनाए रही शिव को
खड़ी खड़ी गोरा मनाए रही शिव को
ओम नाम रटके रिझाये रही शिव को
सोने के लोटा में गंगाजल पानी
उचक उचक गोरा निलाए रही शिव को
बागों से जाकर के फूल ले आई
गुथ गुथ माला पहनाए रही शिव को
बागों से जाकर गौरव बेल पाती लाई
ओम नाम लिखकर चढ़ाई रही शिव को
जंगल से जाके गोरा भांग तोड़ लाई
पीस पीस भंगिया पिलाए रही शिव को
मंदिर में जाकर गोरा ढोलक ले आई
ढोलक ले आई मजीरा ले आई
नाच नाच गोरा मनाए रही शिव को
श्रेणी : शिव भजन