करने मैं बाबा श्याम को प्रणाम जाऊँगा
करने मैं बाबा श्याम को प्रणाम जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
जपते हुए मैं साँवरे का नाम जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
रास्ते में प्रेमियों से मुलाक़ात होगी
श्याम प्रेमियों से साँवरे की बात होगी
मैं बोलते हुए जय श्री श्याम जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
शामिल हो जाऊँगा प्रेमियों की फ़ौज में
रहते हैं हर पल जो साँवरे की मौज में
बाबा से मिलने छोड़ के सब काम जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
श्याम नाम लेकरके कदम जो उठेगा
खाटू पहुँच कर ही क़ाफ़िला रूकेगा
रिंगस से ले के पैदल निशान जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
कहते हैं लोग वहाँ कुण्ड है निराला
श्याम कुण्ड खोलता है क़िस्मत का ताला
उस कुण्ड में मैं करने स्नान जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
जो भी है दिल में वो श्याम से कहूँगा
थोड़ी देर चौखट पे मैं खड़ा रहूँगा
करने मैं उनकी गोद में आराम जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
“मोहित” अगर होगा साँवरा दयालु
सेवा में रख लेगा मुझे भी कृपालु
करने मैं Permanent इंतज़ाम जाऊँगा
ग्यारस पे अबकि मैं भी खाटूधाम जाऊँगा
श्रेणी : खाटू श्याम भजन