कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
बरसाना मिला है,बरसाना मिला है,
बरसाना मिला है,
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
जप तप साधन की बस की नहीं है,
देवल किशोरी की करुणा भई है,
रोम रोम ये खिला है, बरसाना मिला है,
मेरा रोम रोम ये खिला है, बरसाना मिला है,
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
तेरी कृपा से बरसाने आना बना,
तेरी रहमत जो देखी दीवाना बना,
एक झलक जिसने भी देख ली आपकी,
वहीं पागल हुआ दीवाना बना,
जबसे मेरा बरसाने में आना जाना हो गया,
जबसे मेरा बरसाने में आना जाना हो गया,
राधे राधे सुनते सुनते यह दीवाना हो गया,
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
सोचने से पहले होता प्रबंध है,
कैसे बताऊं आनंद ही आनंद है,
शिकवा न कोई गिला है बरसाना मिला है,
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
किसीको जमाने की शोहरत मिली है,
मैं तो अपने मुकद्दर पर कुर्बान जाऊं,
मुझे मेरी श्यामा की चौखट मिली है,
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
वृज वासी के टुकड़ों पे पले हरी दासी,
संतों के पीछे पीछे चले हरी दासी,
जीवन का यही सिलसिला है,बरसाना मिला है,
कैसे ना इठलाऊं मैं बरसाना मिला है,
श्रेणी : कृष्ण भजन