जब लगे श्याम दरबार भजन मर्यादित हो
जब लगे श्याम दरबार,भजन मर्यादित हो
बैठे हैं मेरे सरकार, भजन मर्यादित हो
श्याम अगर बैठे हैं तो बातें हों श्याम की
कीर्तन में चर्चा हो तो बस हो भगवान की
हम पर है दारोमदार, भजन मर्यादित हो
बैठें हैं मेरे सरकार, भजन मर्यादित हो
श्याम भजन गाने वालों को ध्यान रखना है
कीर्तन में हर प्रेमी का सम्मान रखना है
साँवरिया सेठ के द्वार, भजन मर्यादित हो
बैठे हैं मेरे सरकार, भजन मर्यादित हो
भजन हों ऐसे जैसे आलू सिंह जी गाते थे
श्याम बहादुर जी जैसे बाबा को रिझाते थे
सुन लेंगे श्याम पुकार, भजन मर्यादित हो
बैठे हैं मेरे सरकार, भजन मर्यादित हो
बड़े बुज़ुर्गों ने ये ही सिखलाया हमें
भजन में कितनी शक्ति है बतलाया हमें
मुक्ति के खुलेंगे द्वार, भजन मर्यादित हो
बैठे हैं मेरे सरकार, भजन मर्यादित हो
जो चहिये वो बोल दो सरकार दे देंगे
“मोहित” होकर ख़ुशियाँ अपरम्पार दे देंगे
है खुला हुआ भण्डार, भजन मर्यादित हो
बैठे हैं मेरे सरकार, भजन मर्यादित हो
श्रेणी : खाटू श्याम भजन