गंगोत्री - Gangotri (Gangotri: A Divine Journey to the Origin of the Ganges River)

गंगोत्री - Gangotri (Gangotri: A Divine Journey to the Origin of the Ganges River)
गंगोत्री, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला में विकीर्ण होती है। यहां पर्वतीय क्षेत्र में स्थित गंगोत्री मंदिर प्रसिद्ध है, जो माता गंगा के उद्गम स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। हिंदू धर्म में, हिमालय से निकलने वाली गंगा नदी को "गंगा मैया" और "माँ गंगा" कहा जाता है और उसे सबसे पवित्र और पूज्य माना जाता है।

गंगा नदी की उत्पत्ति मूल रूप से गौमुख में होती है, जो गंगोत्री से 19 किलोमीटर दूर स्थित है। गंगोत्री मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था और मुख्य मंदिर 20 फीट ऊँचा है। यह मंदिर सफेद ग्रेनाइट पत्थरों से बना है और उसकी संरचना दूर से ही आकर्षण का केंद्र बनती है। मंदिर के पास भागीरथी नदी में एक शिवलिंग भी है, जो ज्यादातर समय जलमग्न रहता है।

पौराणिक कथानुसार, भगवान शिव ने राजा भगीरथ को गंगा नदी को पृथ्वी पर आने का वरदान दिया था। इस बात की प्रमाणिकता के लिए यह कहा जाता है कि गंगोत्री मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर भगवान शिव ने माता गंगा को अपने बालों में संगृहीत किया था। महाभारत में भी उल्लेखित है कि पांडव ब्रध्दारण के बाद इसी स्थान पर अपने पितृगणों की मुक्ति के लिए एक महान यज्ञ किया था।

गंगोत्री मंदिर केवल छह महीनों के लिए खुला रहता है, शेष समय धर्मिक आयोजनों के लिए संरक्षित रहता है। इसे आमतौर पर अप्रैल या मई महीने से अक्टूबर या नवंबर महीने तक दर्शन के लिए खोला जाता है। गंगोत्री मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया पर खोले जाते हैं और बंद हो जाते हैं भैया दूज के बाद। जब मंदिर बंद होता है, तब माँ गंगा की प्रतिमा को हरसिल के निकट स्थित मुखबा गांव में ले जाया जाता है, जहां उसे छह महीने तक पूजा किया जाता है। गंगोत्री मंदिर में दिन की प्रार्थनाएं और आरतियाँ भक्तों की आकर्षण का केंद्र बनती हैं।

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